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Wednesday, March 1, 2023

आम जनता संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में "ओल्ड पेंशन" हेतु कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया

मण्डला - आम जनता संयुक्त मोर्चा के संयोजक मंगलसिंह करचाम, अज्जाक्स जिला अध्यक्ष तेजलाल धुर्वे, अज्जाक्स जिला उपाध्यक्ष आर. के. भांडे, ट्राईबल वेलफेयर टीचर एसोसिशन के जिला अध्यक्ष दिलीप मरावी, बी.एम.पी.के जिला अध्यक्ष मानसिंह कोकड़िया, भारत मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामसिंह पंद्रो, आकास जिला उपाध्यक्ष अनिल मरकाम, म. प्र. आदिवासी विकास परिषद युवा प्रभाग के मंडला ब्लॉक अध्यक्ष कमलेश तिलगाम, सोशल वर्कर दशरथ धुर्वे एवं विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी व वरिष्ठ समाज सेवियों की गरिमामय उपस्थिति में ओल्ड पेंशन नियम के प्रावधानों को लागू कराने हेतु सत्याग्रह आंदोलन के तहत कलेक्टर मंडला के माध्यम से मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री म.प्र. शासन भोपाल को संबोधित कर ज्ञापन-पत्र सौंपा गया।

यह सर्व विदित है़ कि दिनाँक 01 जनवरी 2005 के पूर्व नियुक्त शासकीय सेवकों को शासन  द्वारा म. प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 (Old Pension) में दिये गये प्रावधान अनुसार सेवानिवृत्ति  पेंशन, परिवार पेंशन एवं अन्य स्वत्व दिया जा रहा है़, परन्तु दिनाँक 01/01/2005 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों को यह प्रावधान बन्द करके NPS दिया जा रहा है़। जिससे बुढ़ापेकाल में रिटायर्ड शासकीय सेवक का जीवन-यापन करना मुश्किल हो रहा है़।

शासकीय सेवक अपने जीवनकाल का 62 से 65 वर्ष तक का उम्र जनसेवा में गुजार देता है़। वह जनसेवा करने के अलावा अलग से बुढ़ापेकाल में जीवन-निर्वाह के लिये साधन-सामाग्री तथा धन उपार्जन के काम नहीं कर सकता है़। जब पेंशनर्स को पेंशन मिलती है़, तो परिवार के सदस्य उचित देखभाल एवं सेवा-सहायता करते हैं। यदि पेंशन नहीं मिलती तो, परिवार के सदस्य भी देखभाल करने से मुँह मोड़ते हैं। 

 NPS योजना में देखने में आया है़ कि किसी शासकीय सेवक को मासिक लगभग 900/- रुपये, किसी को 1200/-रुपये या किसी को 1500/- से 2000/- रुपये मासिक पेंशन प्राईवेट कम्पनी के द्वारा स्वीकृत किया जाता है़। आज बहुत अधिक मंहगाई के जमाना में यह पेंशन ऊँट के मुँह में जीरा के समान है़।  

Old Pension नियम में दिये गये प्रावधानों के तहत रिटायरमेंट होने पर शासकीय सेवक भारत देश का सीनियर सिटीजन/वरिष्ठ नागरिक बन जाता है़। इस प्रकार शासकीय सेवक के लिये पेंशन राशि केवल पेंशन ही नहीं, बल्कि सेवानिवृत्ति पर एक सम्मान निधि भी है़।

 जनप्रतिनिधि (विधायक/सांसद) को पाँच साल के कार्यकाल में अथवा एक-दो माह कार्यरत रहने पर भी पेंशन मिलने लगती है़। इसके अलावा माननीय विधायक/सांसद गणों को निशुल्क बहुत सारे सरकारी सुविधायें दी जाती हैं। 

इस सत्याग्रह आंदोलन को  जन आंदोलन बनाने के लिये आम जनता को जोड़ा जा रहा है़। यह ध्यान देने योग्य बात है़ कि किसी माता-पिता के बेटा-बेटी या किसी बेटा-बेटी के माता-पिता या किसी के भाई-बहिन या किसी घनिष्ठ रिश्तेदार NPS शासकीय सेवक होते हैं। इसलिये इन्हें अपने परिवार एवं रिश्तेदार के सदस्यों के लिय़े वोट फॉर ओल्ड पेंशन के लिये आगामी विधान सभा एवं लोक सभा चुनाव में सरकार बनाने के लिये मतदान करने हेतु भावनात्मक अपील करना है़। प्रत्येक शासकीय सेवक द्वारा Vote for old Pension के लिये 1 to 100 फार्मूला के तहत अपने परिवार, रिश्तेदार, मुहल्ला एवं गाँव के कम-से-कम 100 मतदाता को जागरूक किया जावेगा।  2023 में मध्यप्रदेश में सरकार उसकी बनेगी, जो सरकार बनने के एक माह के अंदर Old Pension देने के लिये लिखित आश्वासन देगी। बेरोजगार युवक-युवतियों को भी ओल्ड पेंशन के प्रावधानों के लिये लड़ने हेतु प्रेरित किया जा रहा है़ ताकि उनकी नौकरी लगने पर उन्हें NPS के स्थान पर ओल्ड पेंशन नियम के प्रावधान लागू हो सके। 








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