भोपाल - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश
वित्तीय अनुशासन, सर्व समावेशी
विकास और कर- संग्रहण में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। प्रदेश का वित्तीय प्रबंधन
अच्छा है। प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज
मध्यप्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पर टी.वी. चैनल्स के
प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि
आर्थिक और वित्तीय दृष्टि से मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में प्रगति है। राजस्व
संग्रहण भी बढ़ा है। पूँजीगत व्यय में भी वृद्धि हुई है। प्रदेश की औद्योगिक विकास
दर भी बढ़ी है। प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2022-23 में 16.43 प्रतिशत
है। इसके पहले 2021-22 में कोविड की परिस्थतियों के बावजूद
यह वृद्धि दर 18.02 प्रतिशत थी। वर्ष 2001-02 में यह मात्र 4.43 प्रतिशत थी। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद
13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रूपए होने का अनुमान है। यह वर्ष 2001-02 में 71
हजार 594 करोड़ रूपए था। इस प्रकार सकल घरेलू
उत्पाद (जीएसडीपी) में तब और अब में 18 गुना से अधिक की
वृद्धि हुई है।
प्रति व्यक्ति
आय में उल्लेखनीय वृद्धि
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि
वर्ष 2022-23 में
मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 40 हजार 583 रूपए होने का तथ्य सामने आया है। वर्ष 2011-12 में
प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 38 हजार 497 रूपये हुई थी। इसके पहले वर्ष 2001-02 में
मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 11 हजार 718 रूपए थी। ऋण और जीएसडीपी अनुपात की चर्चा करें, तो
इस क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश का प्रदर्शन अच्छा है। ताजा आर्थिक सर्वेक्षण बताता
है कि वर्ष 2005 में जो ऋण जीएसडीपी अनुपात 39.5 प्रतिशत था वह वर्ष 2020-21 में 22.6 प्रतिशत रहा। राज्य का पूँजीगत व्यय 37 हजार 89
से बढ़ कर अब 45 हजार 685 करोड़ रूपये हो गया है। यह वृद्धि 23.18 प्रतिशत है
और राज्य के इतिहास में सर्वाधिक पूँजीगत व्यय है। कोविड की परिस्थितियों में भी
राज्य के राजस्व को बढ़ाने का प्रयास करते हुए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण
के विजन के साथ कार्य किया गया। गत तीन वर्ष में यह प्रतिवर्ष 7.94 प्रतिशत के कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से
बढ़ा है। राजकोषीय समेकन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में निरंतर राजस्व बढ़ाने का
कार्य हुआ है। प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग के विस्तार का कार्य भी हुआ है।
कृषि विकास दर
में वृद्धि और किसानों के लिए सुविधाएँ
किसानों को ऋण में 13.41 प्रतिशत और एमएसएमई क्षेत्र में 30.22
प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2001-02 में
कृषि विकास दर सिर्फ तीन प्रतिशत थी, जो अब 19 प्रतिशत हो गई है। राज्य ने वर्ष 2013-14 में 174.8
लाख टन की तुलना में वर्ष 2022-23 के अग्रिम
अनुमान में 352.7 लाख टन गेहूँ उत्पादन की सफलता और गेहूँ के
निर्यात में मध्यप्रदेश की 46 प्रतिशत भागीदारी की उपलब्धि
भी अर्जित की है। धान की पैदावार 53.2 लाख से बढ़ कर 131.8
लाख टन हो गई है।
उद्योग और
सिंचाई क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन, लघु व्यवसायियों के कल्याण में सबसे आगे प्रदेश
औद्योगिक विकास दर, जो वर्ष 2001-02 में
महज 0.61 प्रतिशत थी, अब बढ़ कर 24
प्रतिशत है। स्ट्रीट वेण्डर्स के कल्याण का कार्य भी प्रदेश में
बखूबी किया गया है। मध्यप्रदेश सवा 5 लाख शहरी इलाकों के लघु
व्यवसायियों (स्ट्रीट वेण्डर्स) को 521 करोड़ से ज्यादा राशि
का ऋण देकर देश में सबसे आगे है। सिंचाई क्षमता 585 प्रतिशत
बढ़ी है। वर्ष 2003 में सिंचाई क्षमता 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर थी, जो
अब 45 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
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