मण्डला - मध्यप्रदेश राज्य शासन आयुष मंत्री रामकिशोर 'नानो' कावरे को परंपरागत ग्रामीण चिकित्सक संघ तथा भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ की ओर से भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद् अधिनियम 1970 के अंतर्गत ट्रेडिशनल रूरल मेडिकल बोर्ड / काउंसिल बनाये जाने का प्रस्ताव दिया- ग्रामीण आंचलों में कोविड-19 महामारी में ग्रामीण जनता की मौत के आंकड़े कम हैं जिसका कारण ग्रामीण आंचल में ट्रेडिशनल रूरल प्रेक्टिशनरों की संख्या बहुतायत में हैं इन्हीं ग्रामीण चिकित्सकों ने अपनी योग्यतानुसार ग्रामीण जनता की सेवा की जिससे ग्रामीण जनता की मौत का आंकड़ा कम है। हमारे देश तथा प्रदेश में ट्रेडिशनल रूरल प्रेक्टिशनरों के लिए कोई भी स्पष्ट कानून नहीं है, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सचिव ने 1986 में तथा योजना आयोग 2010 हेल्थ डॉक्यूमेंट्स ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने के बात कहता है। ग्रामीण आंचल में जनता का पूर्ण विश्वास इन ग्रामीण चिकित्सकों पर है तथा ये विषम परिस्थिति में शासन से बिना कोई वेतन या भत्ता लिए ग्रामीण जनता की सेवा करते हैं। भारत शासन राजपत्र जारी दिनांक 8 अगस्त 2019 राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम 2019 पृष्ठ क्रमांक 15 प्वाइंट नं. 31 तथा पृष्ठ क्रमांक 16 प्वाइंट नं. 32 ग्रामीण चिकित्सकों को कम्यूनिटी हेल्थ प्रोवाइडर के रूप में प्रशिक्षण दिये जाने का निर्देश देता है। अतः भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद् अधिनियम 1970 के अंतर्गत ट्रेडिशनल रूरल मेडिकल बोर्ड/काउंसिल बनाये तथा ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित करें।
ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने का शुल्क विभाग उनसे लें। जिससे आयुष विभाग को अतिरिक्त आय होगी। परंपरागत ग्रामीण चिकित्सकों के लिए क्लीनिकल प्रेक्टिशनर एक्ट आयुष विभाग के अंतर्गत अलग से बनाये जाने का प्रस्ता दिया। भारतीय चिकित्सा पद्धति की दवाओं के निर्माण एवं विक्रय के लिए कोई अलग से कानून आज तक नहीं बना है। हमारे देश तथा प्रदेश में औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1945 कानून अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून है, जो कि ब्रिटिश गवर्नमेंट ने अंग्रेजी दवाओं के निर्माण हेतु बनाया था। वर्तमान समय की मांग अनुसार हर्बल इंजेक्शन तथा वैक्सीन, ओरल हर्बल वैक्सीन का निर्माण किया जाना अति आवश्यक है, इस हेतु औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1945 से पृथक परंपरागत भारतीय चिकित्सा पद्धति कानून बनाया जाना अति आवश्यक है तथा परंपरागत आयुर्वेदिक पद्धतियों की दवाओं के विक्रय के लिए मेडिकल स्टोर की अनुमति के मापदंड शीघ्र निर्धारित किये जाने की आवश्यकता है। ताकि आयुष पद्धतियों की औषधियों के विक्रय के लाईसेंस ग्रामीण स्तर पर शीघ्र प्रदान किये जायें। जिससे आयुष विभाग को अतिरिक्त आय होगी। माननीय आयुष मंत्री मध्यप्रदेश शासन ने राज्य शासन ने ट्रेडिशनल रूरल मेडिकल बोर्ड/काउंसिल बनाये जाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन देते समय संगठन की ओर से डॉ० आर०पी० सिंह तथा डॉ० नीरज कोष्टा उपस्थित थे।
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