मंडला। मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से जिले में संचालित
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का
क्रियान्वयन किया जा रहा है। सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह के निर्देशन में डीपीएम
शैलेन्द्र सिंह, जिला
समन्वयक आरबीएसके अर्जुन सिंह,
संस्था जिला समन्वयक दिलीप राय के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय किशोर
स्वास्थ्य कार्यक्रम जिले नौ विकासखंडों में संचालित है। यहां प्रशिक्षित
परामर्शदाता और प्रशिक्षकों द्वारा ग्रामों में जाकर किशोर, किशोरियों को स्वास्थ्य के
प्रति जागरूक, लिंग
आधारित हिंसा, मानसिक
स्वास्थ्य, पोषण
समेत अन्य मुद्दों पर जागरूक किया जा रहा है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम
के अंतर्गत कार्ड संस्था के प्रशिक्षित परामर्शदाता और मास्टर ट्रेनरों द्वारा
किशोर, किशोरियों
को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दे रहे है।
बिछिया ब्लाक के ग्राम लफरा में प्रशिक्षक पूजा बरमैया द्वारा साथियां
और साथिया ब्रिगेड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में साथियां और ब्रिगेड सदस्य को
स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, मानसिक
स्वास्थ्य एवं मादक पदार्थों का दुष्परिणाम के विषय में चर्चा की गई, किशोरावस्था में होने वाले
परिवर्तन, पोषण
आहार समेत अन्य विषयों में जानकारी दी गई। उन्हें बताया कि किशोरावस्था में किशोर किशोरियों
को संभल कर चलने की आवश्यकता होती है। यह उम्र युवास्था में प्रवेश का दौर होता
है। जिसमें बहुत सारे बदलाव होते है। जिनकी समझ हमें होनी चाहिए। जिससे आने वाले
समय में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से बच सके। इस दौरान प्रशिक्षक पूजा बरमैया, किशोर, किशोरी साथिया मौजूद रहे।
बैठक के दौरान उपस्थित किशोर, किशोरियों
और प्रशिक्षक पूजा बरमैया ने तुलसी का पौधा लगाया गया।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षक पूजा
बरमैया द्वारा ग्राम स्तर पर बने साथियां और ब्रिगेड को स्वास्थ्य, पोषण, माहवारी स्वच्छता, नशा मुक्ति, किशोरावस्ता में होने वाले
बदलाव समेत किशोर, किशोरियों
ने अपने कैरियर संबंधित जानकारी साथिया बैठक के दौरान ली। बैठक में कार्यक्रम की
जानकारी विस्तार से बताया गया। बैठक में प्रशिक्षक पूजा बरमैया द्वारा साथियां और
ब्रिगेड सदस्य को आरकेएसके के 3
उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ उसके 6 मुद्दो के बारे में बताया।
इस दौरान पोषण आहार पर चर्चा की गई। यहां उपस्थित किशोर किशोरियों को तिरंगा ताली
के माध्यम से स्वस्थ्य रहने के लिए किस प्रकार का भोजन लेना चाहिए। इसके बारे में
विस्तार से बताया।
मना करने का कौशल होना चाहिए :
बताया कि किशोरावस्था शारीरिक, मानसिक वृद्धि और विकास की अवधि होती है। इस वृद्धि के वर्षो में
युवा नई भूमिकाएं, जिम्मेदारियां
और पहचान बनाते है। इस दौरान किशोर परिपक्व होते है। इस दौरान उनके सोचने की
क्षमता विकसित होती है और वे चीजों को जोड़कर बेहतर ढ़ंग से अभिव्यक्त करने में
सक्षम हो जाते है क्योंकि यह दौर सृजनात्मकता, उत्साह और साहस के दिन होते है। साथिया को बताया कि किशोरावस्था की
उम्र प्रयोग करने, जोखिम
उठाने और अपने शरीर तथा अपने सामाजिक व्यवहार के संबंध में लापरवाही से निर्णय
लेने की उम्र होती है। इस अवस्था के दौरान किशोर किशोरियों के भाव, मनोभाव बदलते है और तनाव
बना रहता है। इसलिये किशोर किशोरियों के पास स्वयं को नुकसान पहुंचाए बिना
रचनात्मक ढंग से दबाव, तनाव और
भावों का प्रबंधन करने के साथ एक जिम्मेदार यौनिक व्यवहार को समझने और जोखिम भरे
व्यवहार को मना करने की जानकारी और कौशल होना चाहिए।
किशोर, किशोरियों
ने लगाए तुलसी का पौधा :
ग्राम लफरा में किशोर, किशोरियों की बैठक के बाद किशोरियां और मास्टर ट्रेनर ने तुलसी का पौधा
लगाया। इस दौरान मास्टर ट्रेनर पूजा ने तुलसी के पौधे के फायदे भी बताए। उन्हें
बताया कि तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए
जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर
होता है। इससे ज्यादा उपयोगी औषधि दूसरी कोई नहीं है। तुलसी के धार्मिक-महत्व के
कारण हर-घर आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी की कई प्रजातियां मिलती हैं।
किशोरियों को आगे बताया कि औषधीय उपयोग की दृष्टि से तुलसी की पत्तियां ज्यादा
गुणकारी मानी जाती हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते के फायदे बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल
संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद हैं। तुलसी के औषधीय गुणों में राम तुलसी की तुलना
में श्याम तुलसी को प्रमुख माना गया है।
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