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Saturday, November 28, 2020

वन विभाग की लापरवाही से हुई जंगली हाथी की मौत

विदीप सिंह मरकाम 

मंडला - सिवनी जिले से विचरण करते हुए 2 हाथी  मंडला जिले के अहमदपुर, घाघा के जंगलों में 13 अप्रैल 2020 को देखे गए थे  नर्मदा नदी पार करके दिनांक 14 अप्रेल 2020 को तिंदनी बीट में देखे गए थे जंगली हाथियों के रेस्क्यू के लिए वन अधिकारियों ने अनेकों हथकंडे अपनाये और रेस्क्यू कार्य कागजी कार्यवाही तक ही सीमित रहा। इन हाथियों का जोड़ा पश्चिम वन मंडल मंडला के परिक्षेत्र मंडला में लगभग एक सप्ताह तक भ्रमण करता रहा और उसके पश्चात नर्मदा नदी पार करके पूर्व सामान्य वन मंडल मंडला की मधुपुरी बीट में प्रवेश किये, परिक्षेत्र जगमण्डल के अंतर्गत मधुपुरी, गोपांगी, खरर्राझार, बघरोड़ी, साजपानी बीटों में विचरण करते हुए बिछिया रेंज की सीमा में प्रवेश किये। 

पूर्व एवं पश्चिम सामान्य वन मंडल के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ कान्हा और बांधवगढ़ की रेस्क्यू टीम बुलाई गई जंगली हाथियों के रेस्क्यू के लिए कान्हा से 4 पालतू  हाथियों को महावत सहित लाया गया। वन विभाग की नाकामी से जंगली हाथियों को नही बचाया जा सका  दोनो जंगली हाथी बिछिया मोतीनाला से होते हुए कान्हा के जंगलों में विचरण करने लगे। 

प्रश्न यह उठता है कि इन हाथियों के रेस्क्यू ऑपरेशन में कई लाखों रुपये तत्कालीन वन मंडल अधिकारियों ने डकार लिए पश्चिम सामान्य वन मंडल के तत्कालीन डी एफ ओ मुकुन्द नारायण त्रिवेदी कान्हा के तत्कालीन  क्षेत्र संचालक  एल कृष्णमूर्ति  उप संचालक सुश्री अंजना सुचिता तिर्की सहित तमाम अधिकारियों ने कई लाखों रुपयों के फर्जी बिल व्हाउचर लगाकर हेरा फेरी किये हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जंगली हाथियों के रेस्क्यू के लिए भोपाल के वन्य प्राणी शाखा से बजट उपलब्ध कराया गया था। 

आखिर कई लाखों रुपये खर्च करने के बाद एक हाथी को मौत का सामना करना ही पडा,  मंडला जिले के जंगलो में 7 महीने तक इधर उधर भटकते हाथियों को वन विभाग नही पकड़पाया।  हाथियों का जोड़ा इतना सीधा था कि किसी भी तरह से कोई जनहानि या अत्यधिक नुकसान किसी को भी नही पहुचाये सामान्य वन मंडल जबलपुर की डी  एफ ओ सुश्री अंजना सुचिता तिर्की की कार्यप्रणाली भी कई सवाल खडे करती है, जबलपुर वन मंडल की  बरगी रेंज में हुई हाथी की मौत का क्या वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी या वन मंत्री इस लापरवाही की सूक्ष्मता से जांच कराएंगे और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे या फिर मूक बधिर जानवरो के नाम पर भी इसी तरह का भ्रष्टाचार चलता रहेगा।

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