30 की
रात्रि 9.01 बजे के
बाद 31 अगस्त की
सुबह 07.05 बजे तक
राखी बांधने का मुहूर्त |
मंडला - सावन
जहाँ भक्ति भावना, पर्यावरण
उल्लास और हर-हर महादेव की विशेष उपासना के लिए जाना जाता है वंही यह सावन माह भाई
बहन के अटूट प्यार और विश्वास के लिए भी हमारे समाज में जाना पहचाना जाता रहा है।
आज गांव-गांव, शहर-शहर
में भाई-बहन इस महीने की बेसब्री से प्रतीक्षा करते थे।
आज बहनें अपने भाईयों की लम्बी आयु की कामना को लेकर उन्हें रक्षा
सूत्र बांधेंगी। भाई भी इस मौके पर जिंदगी भर अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देगा।
हिन्दू धर्मावलम्बियोंं का प्रमुख त्यौहारों में से एक रक्षाबंधन आज बड़े
हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीत यह पर्व पूरे
श्रृद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। मण्डला नगर में करीब एक सप्ताह पूर्व से
इसकी तैयारियां जोरों से चल रही थी। महंगाई की मार के बावजूद दुकानों में ग्राहकों
की भारी भीड़ नजर आई। राखी के एक दिन पहले शाम तो खरीददारों की ऐसी भीड़ उमड़ी की
बड़ चौराहा से उदयचौक और हॉगगंज बाजार, चिलमन चौक में जाम की स्थिति निर्मित हो गई। जो दूरी लोग 4-5 मिनिट में तय कर लेते थे, उतनी ही दूरी तय करने में
लोगों को 20 से 30 मिनिट लग गए।
पंडित राकेश शुक्ला ने बताया कि भविष्य पुराण में यह स्पष्ट है कि
रक्षा कवच बांधने की प्रथा की शुरूआत महाराजा इंद्र की पत्नी ने की थी, जब देव और दानवों के बीच
युद्ध चल रहा था, तब
इंद्राणी ने अपने पति इंद्र की विजय कामना के लिए देवगुरू ब्रहस्पति द्वारा दिया
गया रक्षा सूत्र और चांवल, सरसों को
उनके दाहिने हाथ में बांधकर उनकी रक्षा और विजय की कामना की थी, जिससे वे असुरों पर विजय
प्राप्त कर सके थे। शास्त्रों में कई ऐसे प्रसंग है जहां गुरू शिष्य को बहन भाई को
भक्त भगवान को रक्षा सूत्र बांधते है। यह सूत्र दोनों के प्रेम को जोड़े रखने का
एक माध्यम है। इसी रक्षासूत्र को बहनें अपने भाईयों की कलाई पर बांधती है और उनसे
रक्षा का वचन लेती है।
बसों में रही भीड़भाड़ :
रक्षा बंधन त्यौहार के मद्देनजर बसों में काफी भीड़भाड़ देखी गई।
जिसके कारण यात्रियों को काफी परेशानियां उठानी पड़ी। रक्षाबंधन पर घर आने-जाने
वाले लोग बसों में भीड़भाड़ के चलते इनमें जगह तलाशते नजर आए। लेकिन उन्हें राहत
नही मिली। मंडला से बाहर जाने वाली बसों में काफी भीड़ देखी गई। नगर के बस स्टेण्ड
पर रक्षाबंधन के त्यौहार के चलते खासी भीड़ भाड़ रही। बस आते ही उसमें अपना स्थान
सुनिश्चित करने के लिए यात्रियों की रैलमपेल मची रही।
आम दिनों की अपेक्षा इन दिनों 50 से 60 फीसदी
यात्री बढ़ गये है। मंडला से जबलपुर, चाबी, मोहगांव, मवई, घुघरी, बिछिया, निवास, सिवनी, घंसौर, बीजाडांडी, रामनगर, अंजनिया की ओर जाने वाली
बसों में काफी भीड़ देखी गई। रक्षाबंधन के चलते कहीं भाई अपनी बहनों को लाने जा
रहे है, तो वहीं
भाई अपनी बहनों से राखी बंधवाने आ रहे है। वहीं शहर के आसपास के ग्रामीण अंचलों से
बड़ी संख्या में लोग राखी के त्यौहार की खरीदी के लिए आए। जिसके कारण शहर में भी
काफी भीड़ देखी गई।
महंगी हुई मिठाई :
रक्षाबंधन के चलते नगर के मिठाई दुकानों में भीड़भाड़ बढ़ गई। महंगाई
का असर मिठाईयों पर भी देखने को मिला। औसतन 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी मिठाईयों में दर्ज की गई है। शायद यही वजह
है कि मिठाई दुकानों में भीड़भाड़ होने के बावजूद खरीददारों का वैसा हुजूम नजर नही
आया जैसा पहले नजर आता था। नगर के प्रतिष्ठित मिठाई व्यवसायी ने बताया कि पिछले
साल के मुकाबले लगभग सभी मिठाईयों में थोड़ी तेजी आई है। दूध, घी, खोवा सहित अन्य चीजों के
दाम बढऩे से मिठाईयों के दाम बढ़े हैं।
मनपसंद राखी खरीदी :
बाजार में सभी वर्गों के लोगों ने अपने पसंद के अनुसार राखी खरीदी।
बच्चों ने विशेष अपनी रूचि के अनुसार फिल्मी एवं कार्टून कैरेक्टरों वाली राखी
खरीदी, वहीं
महिलाओं ने अपने भाईयों के लिए पतली डोरी, छोटी राखी व फैंसी राखियों को ही चुना। वहीं ट्रेडिशनल लुक वाली
राखियां जिनमें शंख, रूद्राक्ष
व पूजा सामग्रियों से बनी राखियां भी बहुतायत में पसंद की जा रही है।
खचाखच भरे रहे जनरल स्टोर्स:
बाजार में इन दिनों त्यौहार के कारण काफी रौनक है। जनरल स्टोर्स में
भी भीड़ देखी गई। महिलायें अपने सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियों के लिए जनरल
स्टोर्स का रूख कर रही है। समय बदलने के साथ साथ महिलायें भी चलन में आ रही
वस्तुओं को खरीद रही है।
कपड़ों की दुकान में रही भीड़ :
किसी भी त्यौहार के आने पर नये कपड़े खरीदने का अलग ही उत्साह रहता
है। बच्चे, युवक, युवतियां महिलायें पुरूष
सभी वर्ग के लोग अपने पसंद के अनुसार कपड़े खरीदते नजर आए। भाई भी अपनी बहनों के
लिए सलवार सूट और साड़ी खरीदते दिखे।
मेहंदी सजे हाथ दिखे :
बसों में ज्यादातर नवविवाहिताएं दिख रही थीं। उनके मेहंदी से सजे हाथ, आंखों की बेताबी यह साफ बता
रही थी कि यह उनकी पहली राखी है और वे अपने भाई या दूसरे संबंधियांे के साथ मायके
जा रही हैं। साथ ही वे गृहिणियां भी दिखी जिनके बच्चे अब बड़े हो गए हैं और उनके
साथ वे मायके जाकर त्यौहार का लुत्फ उठाना चाहती हैं। कुल मिलाकर भीड़भाड में वही
लोग नजर आए, जिन्होंने
पहले से राखी पर मायके जाने की योजना बना रखी थी।
भद्राकाल में न बांधे राखी :
इस साल रक्षाबंधन पर भद्राकाल लगने वाला है, जिसके चलते राखी बांधने के
लिए बहनो में असमंजस्य है। इस संबंध में रेवाखण्ड के कथावाचक एवं ज्योतिर्विद
आचार्य किशोर उपाध्याय ने बताया कि रक्षाबंधन का त्यौहार 30 और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया
जाएगा। पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त
बुधवार को सुबह 10.58 से
प्रारंभ है, जो 31 अगस्त को प्रात: 7.05 बजे तक
रहेगी, लेकिन पूर्णिमा
के प्रारंभ समय से ही भद्राकाल लग रहा है जो रात्रि 9.01 बजे तक
रहेगा। अर्थात 30 अगस्त की
रात्रि 9.02 बजे
(भद्राकाल समाप्ति के बाद) से
31 अगस्त के प्रात: 7.05
बजे तक रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।
क्या है भद्रा -
ज्योतिष शास्त्रानुसार कालगणना या पंचांग में 11 करण होते हैं, जो अपने काल को शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं। जिनमें 7 वां विष्टि करण है जिसे भद्रा भी कहते हैं। इस करण के काल में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य करने से अनिष्ट फल मिलता है। आचार्य जी ने स्पष्ट किया है कि आज के युग में धर्म और ज्योतिष को मानकर चलने वाले कम हैं। लेकिन ग्रहदशा का फल मिलना तो निश्चित रहता है। भ्रात-भगिनी के इस पावनपर्व में आचार्य जी ने सभी क्षेत्रवासियों को सुखमय एवं आनंदमय जीवन की मंगलकामनाएं प्रदान करते हुए अपील की है कि आज बुधवार को रात्रि 9.01 बजे तक भद्रा के अनिष्ट योग में किसी भी स्थिति में राखी ना बांधे ना बंधावाए।
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