मंडला - माननीय न्यायालय
पंचम अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला द्वारा आरोपीगण (1) उग्रसेन पिता पतउआ जंघेला, आयु 61 वर्ष (2)
रघुवीर पिता दादूलाल वायाम, आयु 70 वर्ष को धारा-376डी, 34,342, 376(2)(आई) भादवि
में 20-20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000-2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया
गया है।
अभियोजन कहानी संक्षिप्त में इस प्रकार है
दिनांक-24.07.2021 को
अभियोक्त्री की बहन ने इस आशय का लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि दिनांक 21.07.2021
करीब 04.30 बजे उसका छोटा पुत्र उसके पास खेत में आकर बताया कि मौसी अभियोक्त्री
जो मानसिक रूप से कमजोर है, को बुलाने मोहल्ले में गया तो राहुल चैधरी
रास्ते में मिला और बताया कि उसकी मौसी अभियोक्त्री जो पागल है जिसे उग्रसेन
जंघेला और रघुवीर वायाम ने घर पर ले गये है। जाकर देखा तो उग्रसेन जंघेला, रघुवीर वायाम के
रहवासी मकान परछी में उसकी पागल मौसी के कपड़े खोलकर गलत काम (बलात्कार) कर रहा था
और रघुवीर वायाम भी वहीं खड़ा था। तब वह जोर से चिल्लाया तो उग्रसेन व रघुवीर वहां
से भाग गये। तब खेत से दौड़कर रघुवीर के घर आकर देखी तो अभियोक्त्री के पहने हुये
बदन के कपड़े खुले और अस्त-व्यस्त थे तथा सिर के बाल बिखरे हुये थे। इन लोगों ने
उसकी पागल बहन के साथ 11.00 से 12.00 बजे के बीच दिन में गलत काम बलात्कार किया
है। वह डर एवं लोक लाज के कारण यह बात किसी को नहीं बतायी। उक्त घटना की रिपोर्ट
अभियोक्त्री की बहन द्वारा थाना बम्हनी में किये जाने पर रिपोर्ट की थाना बम्हनी
में अपराध पंजीबद्ध कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र तैयार कर माननीय
न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जिस पर विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से
प्रस्तुत साक्ष्य का मूल्यांकन कर एवं प्रस्तुत किये गये तर्क से सहमत होते हुये
माननीय न्यायालय पंचम अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला द्वारा आरोपीगणों को उक्त दण्ड से
दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अति0 जिला लोक अभियोजन अधिकारी सरमन
सिंह ठाकुर के द्वारा की गई है।
No comments:
Post a Comment