मण्डला - राज्यशासन द्वारा कोविड-19 से माता, पिता या अभिभावक
की मृत्यु के कारण अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा, आर्थिक सहायता तथा खाद्य सुरक्षा के लिए ’’मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण
योजना’’ प्रारंभ की गई
है।
योजना का उद्देश्य - कोविड-19 से अनेक परिवारों में आजीविका उपार्जन करने
वाले माता/पिता की आकस्मिक मृत्यु हुई है। ऐसे प्रभावित परिवारों के बच्चों को
शासकीय सहायता दी जाने की आवश्यकता है। इस योजना का उददेश्य इन बच्चों को आर्थिक
एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी
शिक्षा भी निर्विघ्न रूप से पूरी कर सकें।
योजना का विस्तार - यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में तत्काल प्रभाव
से लागू होगी।
परिभाषा - परिवार से अभिप्राय पति-पत्नी और उन पर आश्रित
बच्चों से है। बाल हितग्राही से अभिप्राय है ऐसे बालक/बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे
कम है, परंतु स्नातक
में अध्ययनरत रहने की स्थिति में 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक, इनमें से जो भी
कम हो और जिनके - माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व
में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक
का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई
है। ’कोविड-19 से मृत्यु’ का अभिप्राय ऐसी
किसी भी मृत्यु से है, जो 1 मार्च 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु
के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की
अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
योजना के अर्न्तगत लाभ प्राप्त करने के लिए यह
आवश्यक है कि - प्रभावित
परिवार मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी हो; परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण
योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नही हो; बाल हितग्राही के मृतक माता/पिता ऐसे शासकीय
सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हों जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम के अर्न्तगत
पेंशन पाने की पात्रता हो।
बाल हितग्राही, जिनके
माता/पिता/अभिभावक की कोविड -19 से मृत्यु
अनाथ हो गये है, को निम्नांकित
सहायता की पात्रता होगी -
आर्थिक सहायता - प्रत्येक बाल हितग्राही को रुपये 5000/- प्रतिमाह की
सहायता राशि दी जाएगी। यदि बाल हितग्राही की आयु 18 वर्ष से कम है तो सहायता राशि चिन्हांकित
संरक्षक व बच्चे के संयुक्त खाते में जमा की जायेगी। 18 वर्ष की आयु
पूर्ण करने के उपरांत उनके व्यक्तिगत खाते में राशि दी जाएगी।
खाद्यान्न सुरक्षा - प्रत्येक बाल हितग्राही तथा उपरोक्त कण्डिका
में नियुक्त उनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अर्न्तगत
निःशुल्क मासिक राशन प्रदाय किया जायेगा। ऐसे परिवारों की सूची जिला कार्यक्रम
अधिकारी, महिला एवं बाल
विकास विभाग द्वारा पात्रता पर्ची जारी किये जाने हेतु जिला खाद्य अधिकारी को
उपलब्ध करवायी जाएगी।
शिक्षा सहायता - शिक्षा सहायता निम्नानुसार देय होगी - स्कूल
शिक्षा - इस योजना के अंतर्गत बाल हितग्राही को अध्ययन हेतु निम्नानुसार
सहायता दी जाएगी।
कक्षा 1 से 8 - शासकीय
विद्यालयों में बाल हितग्राही को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। जो बाल
हितग्राही निजी स्कूलों में आरटीई प्रावधान अंतर्गत अध्ययनरत हो या आगे होंगे, का शुल्क सीधे
ही संबंधित स्कूल को प्रदाय किया जाएगा। यदि बाल हितग्राही आरटीई कोटे से पृथक
निजी स्कूलों में अध्ययनरत हैं या होंगे उनका आरटीई प्रतिपूर्ति सीमा तक/ संबंधित
बाल हितग्राही को राशि दी जाएगी।
कक्षा 9 से 12 - शासकीय स्कूलों
में बाल हितग्राही को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। निजी स्कूल में अध्ययनरत
बाल हितग्राही को रुपये 10000 प्रतिवर्ष की सहायता दी जाएगी। उपयुक्त वित्तीय
सहायता, बाल हितग्राही
को सामान्य शासकीय योजना के अतगत पात्रतानुसार प्राप्त होने वाली छात्रवृत्ति एवं
अन्य लाभ के अतिरिक्त होगी।
उच्च शिक्षा - उच्च शिक्षा के सामान्य
पाठयक्रमों के लिये सहायता देय होगी - केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा प्रदेश में स्थित समस्त विश्वविद्यालय एवं
महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर संचालित पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत बाल हितग्राही
को निम्नानुसार सहायता दी जाएगी। शासकीय अथवा केंद्र/राज्य शासन से अनुदानित
विश्वविद्यालय/महाविद्यालयों में हितग्राहियों को प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क
सहित अन्य समस्त वार्षिक वास्तविक शुल्क ( मेस शुल्क सहित) का लाभ देय होगा साथ ही
कॉशनमनी जमा कराने से छूट रहेगी। बाल हितग्राहियों का प्रवेश निःशुल्क होगा। समस्त
शुल्क की संबन्धित संस्था को प्रतिपूर्ति की जाएगी। ऐसे निजी
विश्वविद्यालय/अशासकीय महाविद्यालयों में जहाँ शुल्क का निर्धारण मध्यप्रदेश निजी
विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा नियत किया जाता है उनमें अध्ययनरत होने पर
उक्त कंडिका- ’अ’ अनुसार समस्त
वार्षिक वास्तविक शुल्क या रूपये 15,000, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति बाल हितग्राही के आधार लिंक्ड
बैंक खाते में की जाएगी।
तकनीकी शिक्षा - तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत स्नातक/पोलीटेक्निक डिप्लोमा/आईटीआई/पैरामेडिकल
पाठ्यक्रमों हेतु सहायता देय होगी - बाल हितग्राही जो शासकीय/अनुदान प्राप्त
इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करता है, द्वारा देय
शुल्क शासन द्वारा वहन किया जाएगा। बाल हितग्राही जो निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय
में जेईई मेन्स परीक्षा या पृथक प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेशित होने पर, उन्हें अधिकतम
रूपये 1.50 लाख प्रतिवर्ष
या वास्तविक देय शुल्क जो भी कम हो, राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। बाल
हितग्राही जो मध्यप्रदेश के उन निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में जहाँ स्नातक
में प्रवेश 12 वीं कक्षा की परीक्षा के आधार पर होता है उनका वास्तविक शुल्क या रूपये 75000 वार्षिक जो भी
कम हो राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष- जिन बाल हितग्राहियों ने राष्ट्रीय पात्रता एवं
प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के आधार पर केन्द्र या राज्य शासन एवं निजी मेडिकल
कॉलेज/डेन्टल कॉलेज के एबीबीएस/बीडीएस आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी (बी.ए. एम.एस/
बी.यू.एम.एस/बी.एच.एम.एस) पाठ्यक्रम एवं म.प्र. में स्थित प्राईवेट मेडिकल/आयुष
महाविद्यालय के एमबीबीएस / (बी.ए.एम.एस/बी.यू.एम.एस/बी.एच.एम. एस) पाठ्यक्रम में
प्रवेश प्राप्त किया हो, उनके द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन
किया जाएगा। भारत शासन के ऐसे संस्थान, जो स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर
प्रवेश देते हैं, को भी योजना में सम्मिलित मान्य किया जाएगा।
शासकीय मेडिकल कॉलेज में शिक्षित डॉक्टर 2 वर्ष तक राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित ग्रामीण
क्षेत्र में कार्य करने का अनुबंध करेगें और इस आशय के लिए बाँड रूपये 10 लाख के रूप में
निष्पादित करेंगे। प्राईवेट कॉलेज में यह अवधि 5 वर्ष तथा बाँड की राशि रूपये 25 लाख होगी।
विधि शिक्षा - सीएलएटी (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) अथवा स्वयं के
द्वारा अयोजित परीक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयू) एवं
दिल्ली विश्वविद्यालय में बारहवीं कक्षा के बाद एडमिशन वाले कोर्स के बाल
हितग्राही द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। भारत सरकार/राज्य
सरकार के समस्त विश्वविद्यालयों/संस्थानों में संचालित ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं
इंटीग्रेटेड पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं ड्यूल डिग्री कोर्स (जिसमें मास्टर
डिग्री के साथ बैचलर डिग्री भी सम्मिलित है) के बाल हितग्राहियों द्वारा देय शुल्क
राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। राज्य शासन के समस्त शासकीय एवं अनुदान प्राप्त
महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में संचालित समस्त स्नातक तथा राज्य के उच्च शिक्षा
विभाग के अंतर्गत पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में संचालित समस्त डिप्लोमा
पाठ्यक्रमों एवं आईटीआई (ग्लोबल स्किल पार्क को सम्मिलित मानते हुये) को योजना के
अतगत शामिल किया जाएगा।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा उसके अधीन संचालित पैरामडिकल साइंस के
डिप्लोमा/डिग्री एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने वाल बाल
हितग्राही द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के अंतर्गत
उच्च शिक्षा हेतु विभिन्न संस्थाओं को देय शुल्क के रूप में, प्रवेश शुल्क
एवं वह वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क सहित) जो शुल्क विनियामक समिति अथवा मध्यप्रदेश
निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अथवा भारत सरकार/राज्य शासन द्वारा निर्धारित
किया गया है, का ही भुगतान किया जाएगा तथा कॉशन मनी जमा कराने से भी छूट प्राप्त होगी। इस
योजना के अन्तर्गत पात्र विद्यार्थी जो पूर्व से किसी पाठ्यक्रम में अध्ययनरत है, उन्हें भी योजना
लागू वर्ष से लाभ प्रदान किया जा सकेगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि बाल हितग्राही
को उच्च शिक्षा हेतु किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने पर उस पाठ्यक्रम के लिए
निर्धारित वर्षों के लिए ही शिक्षा प्राप्ति सम्बन्धी लाभ प्राप्त करने की पात्रता
होगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संस्थानिक
सहायता - 18 वर्ष से कम आयु
के ऐसे बाल हितग्राही जिनका कोई घर या निश्चित निवास स्थान नही है और जिनके जीवन
निर्वाह के लिए कोई दृश्यमान साधन नही है अथवा कोई भी संरक्षक उनकी देखरेख करने का
इच्छुक नही है। ऐसे बाल हितग्राही को संरक्षण, भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा सहायता एवं पुनर्वास हेतु बाल कल्याण
समिति द्वारा देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालक घोषित किया जाकर प्रदेश में
संचालित बाल देखरेख संस्था में प्रवेश सुनिश्चित करवाया जाएगा। ऐसे बाल हितग्राही
को योजना के तहत प्रदाय मासिक आर्थिक एवं मासिक राशन की पात्रता नही होगी, किंतु बाल
देखरेख संस्थाओं में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर निर्मुक्त होने वाले
बच्चों को वे समस्त सहायता दी जाएगी जिसका इस योजना में प्रावधान है।
अन्य प्रावधान
आवेदन की प्रक्रिया - योजना अंतर्गत सभी आवेदन, दस्तावेजों सहित
योजना के लिए निर्मित पोर्टल covidbalkalyan.mp.gov.in पर ही प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया
निःशुल्क होगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) का यह दायित्व
होगा कि वह ऐसे परिवारों की पहचान करें जिन्हें इस योजना का लाभ दिया सकता है तथा
उनसे संपर्क कर पोर्टल पर आवेदन भरवाएं। समस्त लाभ पोर्टल के माध्यम से दिये जाएंगे। पोर्टल पर पाप्त आवेदन पर कार्यवाही जिला
कलेक्टर के लॉगिन से होगी। प्रकरणों की स्वीकृति/अनुमोदन जिला स्तर पर गठित समिति
द्वारा की जाएगी। इस समिति में जिला कलेक्टर अध्यक्ष, जिला कार्यक्रम
अधिकारी, महिला बाल विकास
सदस्य सचिव तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उपसंचालक सामाजिक न्याय, जिला शिक्षा
अधिकारी सदस्य होंगे।
आदेश - योजना के तहत् गठित समिति के अनुमोदन के पश्चात
सहायता प्रदान करने के आदेश समिति के सदस्य, सचिव के द्वारा जारी किये जाएंगे।
शासन की अन्य योजनाओं का लाभ - मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण
योजना का लाभ, बाल हितग्राहियों को शासन की अन्य योजनाओं के अंतर्गत देय लाभ के अतिरिक्त
होगा किन्तु बाल हितग्राही को शिक्षा शुल्क आदि का दोहरा भुगतान किसी अन्य योजना
से नहीं होगा।
बजट - योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक राशि का
प्रावधान महिला बाल विकास विभाग के बजट में किया जाएगा। सहायता राशि प्रदान करने
की प्रक्रिया एवं पोर्टल के उपयोग के संबंध में विस्तृत निर्देश पृथक से जारी किये
जाएंगे।
निगरानी एवं मूल्यांकन - महिला एवं बाल विकास द्वारा की जाएगी।
नोडल विभाग - योजना के क्रियान्वयन हेतु महिला एवं बाल विकास
विभाग नोडल विभाग होगा।
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