मण्डला। कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में संकट के सिपाही हर मोर्चे पर डटे हैं। ऐसे ही कोरोना योद्धाओं में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं जो रात दिन ड्यूटी कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो खुद संक्रमित हुए और अस्पताल में भर्ती रहकर कोरोना को हराने के बाद फिर से ड्यूटी पर भी आ गए हैं। इन्हीं में से एक हैं सहायक उपनिरीक्षक अरविंद उइके है, जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात हैं। कुछ समय पूर्व उनकी कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, इसके बाद वह प्राइवेट अस्पताल में भर्ती रहे थे। अरविंद उइके बताते हैं कि तब हालत बहुत खराब हो गई थी, भय बना रहा था, लेकिन साहस ने साथ नहीं छोड़ा। अस्पताल में रहते हुए उपचार मिला, इसके बाद घर आने पर स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का पालन किया। नियमित रूप से गर्म पानी पिया, भांप लेते रहे और स्वस्थ रहने के लिए एक्सरसाइज भी करते रहे।
इसी के बदौलत अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अपनी
ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। उनका कहना है कि संयम और साधना के बूते बीमारी को हराया
जा सकता है, उपचार के साथ ही सावधानी भी बहुत जरूरी है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति
को मास्क अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए, सैनिटाइजर का भी प्रयोग करते रहे और
बेवजह घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए। दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करते रहें, यह सभी की जिम्मेदारी
है।
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