मण्डला - महिला एवं बाल विकास की अभिनव पहल के अंतर्गत जिले में कुपोषण को दूर करने सेमफ्री मंडला अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत् कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों को पोषण आहार एवं उनके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी करते हुए उन्हें नया जीवन प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में बीजाडांडी विकासखंड के बिलनगरी माल निवासी आयुष को सेमफ्री मंडला अभियान से नया जीवन मिला है। आयुष का जन्म 10 फरवरी 2020 के हुआ था। जन्म के 22 दिन बाद ही आयुष की माँ की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में आयुष के स्वास्थ्य पर पोषण की दृष्टि से प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वभाविक था। आयुष जो कि गरीब परिवार से है, उसकी देखभाल 15 वर्षीय मौसी एवं नानी ने की। आयुष तब कुपोषण की श्रेणी में था किन्तु सेमफ्री मंडला अभियान के तहत् चिन्हित किए गए बच्चों के साथ ही आयुष को भी लगातार पर्याप्त पोषण आहार प्रदान किया जाता रहा।
नियमित पोषण आहार एवं लगातार स्वास्थ्य पर
निगरानी होने से आयुष अब कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ चुका है। जिला कार्यक्रम
अधिकारी ने बताया कि सेमफ्री मंडला अभियान के तहत् महिला बाल विकास विभाग के
साथ-साथ अन्य विभागों के शासकीय कर्मचारी कुपोषित बच्चों को स्वेच्छा से गोद ले
रहे हैं तथा आर्थिक सहयोग कर कुपोषित बच्चों के लिए पोषण आहार की व्यवस्था करने
में मदद कर रहे हैं। आयुष को भी परियोजना अधिकारी बीजाडांडी मनीषा तिवारी ने गोद
लिया है। इस अभिनव पहल से निश्चित रूप से आयुष को एक नया जीवन मिला है। जहाँ एक ओर
आयुष के जन्म के समय 2 किलो 700 ग्राम था जो अब बढ़कर 6 किलो 700 ग्राम हो चुका है। इसी प्रकार आयुष का स्वास्थ्य भी अब पहले की तुलना में
काफी बेहतर हुआ है।
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