मंडला. शासन के सख्त निर्देश के बाद भी खेतों में
नरवाई जलाने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। गुरुवार की रात ग्राम पंचायत बिझिंया
में कुछ किसान खेत की नरवाई में आग लगा रहे थे। इस दौरान खेत से उठते धूंए को
देखकर एक गौ सेविका ने एसडीएम को सूचना दे दी। एसडीएम प्रथम कौशिक ने मामले को
तत्काल संज्ञान में लिया और नायब तहसीलदार को मौका निरीक्षण के निर्देश दिए। जिसके
बाद नायब तहसीलदार हरिओम ठाकुर,
पुष्पेन्द्र पन्द्रे के साथ पटवारी श्याम हरदहा, कोटवार शारदा मौके पर पहुंच
गए। जहां महेश्वरी गार्डन के पीछे खेतों में आग की लपटें उठ रही थी। मौके पर
पहुंचने पर कुछ किसान आग लगाते हुए भी देखे गए। कुछ किसान टीम को देखकर भाग गए।
पटवारी श्याम हरदहा ने बताया कि एसडीएम के निर्देश के बाद मौके पर जांच की गई जहां
लगभग 5-6 एकड़ पर
नरवाई जलाई गई थी। आधा दर्जन किसानों पर कार्रवाई की जा रही है।
बताया गया कि यहां धान की फसल की कटाई ज्यादातर खेतों में हार्वेस्टर
के माध्यम से की गई है। अब रबी की बोवनी के पहले किसान नरवाई जलाने का कार्य कर
रहे हैं। बताया गया कि नरवाई
में आग लगाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि होने के कारण जिला प्रशासन ने नरवाई पर
आग लगाने पर कार्रवाई के निर्देश दिए है। नरवाई की आग से जहां भूमि की
उर्वरा शक्ति में कमी होती है साथ ही पर्यावरण भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है।
सेटेलाईट मेपिंग में गतवर्ष धान एवं गेंहूं की फसलों की कटाई के बाद मंडला जिले
में नरवाई जलाने की 125 घटनाएं
घटी है। नरवाई की आग को कम करने के लिए फसलों की कटाई में उपयोग किए जाने वाले
कंबाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) के उपयोग को अनिवार्य
किया गया था लेकिन ज्यादा हार्वेस्टर में इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है।
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