सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बालिका के सामूहिक
बलात्कार के मामले में न्यायालय द्वारा लिये गये दो साक्षियो के कथन
भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय में आज दिनांक 24.08.2020
को विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) श्रीमती कुमुदिनी पटेल के न्यायालय में सत्र
प्रकरण क्र. 359/19 अंतर्गत धारा 376(ग) (3), 376(घ) (क), 370(क) भादवि तथा धारा
3/4, 5/6 एवं 16/17 पाक्सो एक्ट के मामले में लॉकडाउन के बाद प्रथम बार दो
साक्षियों के कथन लेख किये गये है। उपस्थित विशेष लोक अभियोजक टी. पी. गौतम तथा
अरोपी के अधिवक्ता ने साक्षी प्रदीप
गुर्जर , तथा रमेश यादव के कथन कोरोना महामारी से बचाव के सभी सुरक्षा मानकों का
पालन करते हुए वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से न्यायालय में करवाए गए है।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि माननीय
सर्वोच्च न्यायालय में अंकित माहेश्वरी एलिआस चिन्टू विरूद्ध म.प्र. राज्य के
मामले में आरोपी अंकित माहेश्वरी की जमानत निरस्त करते हुए यह निर्देश जारी किये
गये थे कि बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार जैसे गंभीर प्रकरण का विचारण दिसंबर तक
पूर्ण कर परिणाम माननीय सर्वोच्च न्यायालय को प्रस्तुत किेये जाए। उक्त के
तारतम्य में ही कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन के पश्चात प्रथम बार उक्त प्रकरण
में साक्षियों के कथन न्यायालय द्वारा लिये गए है। विदित है कि दिसंबर 2018 थाना टीलाजमालपुरा के परिक्षेत्र में
अभियोक्त्री को आरोपीगण बहला फुसलाकर घर पर ले गए और उसके साथ कई स्थानो पर ले
जाकर करीबन 1 महीने तक अलग अलग व्यक्ति द्वारा लैंगिक शोषण किया गया जिसमें लगभग
18 आरोपी सम्मिलित थे। आज दिनांक 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।