मंडला- हिन्दु समाज के द्वारा आदिकाल से नर्मदा जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। नर्मदांचल ही नहीं वरन् सम्पूर्ण देश में सलिल-सरिता, पतित-पाविनी, जीवनदायिनी मां नर्मदा जयंती उत्सव बड़े ही उमंग और उल्लास के साथ मनाई जाती है। मंडला में अनेक संस्थानों के द्वारा सार्वजनिक रूप से नर्मदा जयंती मनाई जाती है। किन्तु वृहत् रूप में नर्मदा जयंती का आयोजन सूर्यकुण्ड धाम, रामबाग से शुरू हुआ इसके पश्चात् सन् 1990 के दशक से बुधवारी चौक, राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी- गुरूदेव पंडित शंकर प्रसाद शुक्ला के द्वारा सार्वजनिक रूप से नर्मदा जयंती उत्सव मनाया जाना शुरू किया गया। श्री पंडित शंकर प्रसाद शुक्ला के द्वारा लगभग 1 सप्ताह तक मां नर्मदा की प्रतिमा की स्थापना कर पूजन पाठ किया जाना शुरू किया गया। सन् 1993 से नर्मदा जयंती के दिन मां नर्मदा की प्रतिमा की विशाल शोभा यात्रा बाजा-गाजा और बैण्ड बाजों गगनभेदी देवी गीतों के बीच शुरू की गई। जो बुधवारी चौक से शुभारम्भ होकर शहर भ्रमण करते हुए विशालकाय जुलूस रपटा धाम में सूर्यास्त के समय सम्पन्न होता है। सन् 1993 से बुधवारी चौक में नर्मदा जी की विशाल प्रतिमा श्री शंकर प्रसाद शुक्ला जी के द्वारा अनवरत् रूप से स्थापित की जा रही है व प्रतिवर्ष विशाल जुलूस नर्मदा जयंती के दिन दोपहर 12 बजे से निकाला जाता है। बता दें बीते अनेक वर्षों से बुधवारी चैक में पुराण का भी आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी भागवत कथा प्रारंभ की गई है। दरबार में नित्य सुबह-शाम भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। मां नर्मदा के दर्शन लाभ हेतु बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति देखी जा रही है। स्मरणीय रहे रपटा धाम में अनेक स्थानों पर अनेक-अनेक संस्थानों के द्वारा नर्मदा जयंती मनाई जाती है जहां पर विविध कार्यक्रम होते हैं स्थानीय रंगरेज घाट, बनिया घाट, वैध घाट ही नहीं वरन् नर्मदा तीरे हर घाटों में श्रद्धालुओं का पूजन पाठ हेतु ताता लगा रहता है। जिला न्यायालय के न्याय घाट में न्यायाधीशों, न्यायालयिन कर्मचारी गण व अधिवक्ताओं के द्वारा संयुक्त रूप से पूजन-पाठ कर नर्मदा उत्सव मनाया जाता है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि मंडला नगर के अधिकांश घाटों में बाढ़ की मिट्टी जमी हुई है जिससे श्रद्धालुओं को घोर असुविधा का सामना करना पड़ेगा। जिला प्रशासन के द्वारा नर्मदा जयंती के दिन सभी घाटों में व रपटा धाम में सुरक्षा के कितने व क्या-क्या व्यवस्था की जाती है बहुप्रतिक्षित है।
Thursday, January 30, 2020

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नर्मदा महोत्सव की तैयारियां जोरों पर बुधवारी चौक में स्थापित हुई मां नर्मदा की प्रतिमा
नर्मदा महोत्सव की तैयारियां जोरों पर बुधवारी चौक में स्थापित हुई मां नर्मदा की प्रतिमा
मंडला- हिन्दु समाज के द्वारा आदिकाल से नर्मदा जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। नर्मदांचल ही नहीं वरन् सम्पूर्ण देश में सलिल-सरिता, पतित-पाविनी, जीवनदायिनी मां नर्मदा जयंती उत्सव बड़े ही उमंग और उल्लास के साथ मनाई जाती है। मंडला में अनेक संस्थानों के द्वारा सार्वजनिक रूप से नर्मदा जयंती मनाई जाती है। किन्तु वृहत् रूप में नर्मदा जयंती का आयोजन सूर्यकुण्ड धाम, रामबाग से शुरू हुआ इसके पश्चात् सन् 1990 के दशक से बुधवारी चौक, राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी- गुरूदेव पंडित शंकर प्रसाद शुक्ला के द्वारा सार्वजनिक रूप से नर्मदा जयंती उत्सव मनाया जाना शुरू किया गया। श्री पंडित शंकर प्रसाद शुक्ला के द्वारा लगभग 1 सप्ताह तक मां नर्मदा की प्रतिमा की स्थापना कर पूजन पाठ किया जाना शुरू किया गया। सन् 1993 से नर्मदा जयंती के दिन मां नर्मदा की प्रतिमा की विशाल शोभा यात्रा बाजा-गाजा और बैण्ड बाजों गगनभेदी देवी गीतों के बीच शुरू की गई। जो बुधवारी चौक से शुभारम्भ होकर शहर भ्रमण करते हुए विशालकाय जुलूस रपटा धाम में सूर्यास्त के समय सम्पन्न होता है। सन् 1993 से बुधवारी चौक में नर्मदा जी की विशाल प्रतिमा श्री शंकर प्रसाद शुक्ला जी के द्वारा अनवरत् रूप से स्थापित की जा रही है व प्रतिवर्ष विशाल जुलूस नर्मदा जयंती के दिन दोपहर 12 बजे से निकाला जाता है। बता दें बीते अनेक वर्षों से बुधवारी चैक में पुराण का भी आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी भागवत कथा प्रारंभ की गई है। दरबार में नित्य सुबह-शाम भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। मां नर्मदा के दर्शन लाभ हेतु बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति देखी जा रही है। स्मरणीय रहे रपटा धाम में अनेक स्थानों पर अनेक-अनेक संस्थानों के द्वारा नर्मदा जयंती मनाई जाती है जहां पर विविध कार्यक्रम होते हैं स्थानीय रंगरेज घाट, बनिया घाट, वैध घाट ही नहीं वरन् नर्मदा तीरे हर घाटों में श्रद्धालुओं का पूजन पाठ हेतु ताता लगा रहता है। जिला न्यायालय के न्याय घाट में न्यायाधीशों, न्यायालयिन कर्मचारी गण व अधिवक्ताओं के द्वारा संयुक्त रूप से पूजन-पाठ कर नर्मदा उत्सव मनाया जाता है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि मंडला नगर के अधिकांश घाटों में बाढ़ की मिट्टी जमी हुई है जिससे श्रद्धालुओं को घोर असुविधा का सामना करना पड़ेगा। जिला प्रशासन के द्वारा नर्मदा जयंती के दिन सभी घाटों में व रपटा धाम में सुरक्षा के कितने व क्या-क्या व्यवस्था की जाती है बहुप्रतिक्षित है।
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