क्रिसमस को कुछ ही दिन बाकी है, हर कोई प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। शहर में कहीं तो घर में भगवान यीशु की गौशाला बनाई जा रही है तो कहीं गिरजाघरो में। शहर में पुराने गिराजाघर की रंग बिरंगी लाईटो से सजकर तैयार हो रहे हैं। मण्डला जिला मुख्यालय में स्थित सेंटलूक्स चर्च 134 साल पूराना है। कलेक्ट्रेट मार्ग में स्थित सेंट लूक्स चर्च अपने आप में ही खास हैं। ये शहर का सबसे पुराना चर्च होने के साथ ही अगंरेज इंजीनियर द्वारा पत्थर और मिट्टी से बनाया था। इसकी स्थापना 18 अक्टूबर 1885 में की गई थी। सेंट लूक्स चर्च के सामने चरनी बनाई गई है। जहां प्रभू का जन्म हुआ था। इसे प्रतीक रूप में चर्च के ठीक सामने सजाया जा रहा है। क्रिसमस की साज सज्जा में मुख्य हिस्सा होता है स्टार। हर सदस्य के घर में स्टार लगाकर डेकोरेट किया जाता है। पास्टर जेम्स चेरियन ने बताया कि ज्योतिषियों ने तारे देखकर ही बताया था कि परमात्मा यीशु का जन्म होने वाला है। इसीलिए स्टार का खास महत्व हैं। यह यीशु के आगमन का प्रतीक और शुभ चिन्ह माना जाता हैं। इस पर्व को लेकर बच्चों में विशेष उत्साह रहता है। बच्चे शांता क्लाज आने का इंतजार करते हैं जो उन्हें फूल एवं फल के साथ विशेष उपहार देगा। सेंट लूक्स चर्च से फादर सुहेन्द्र नीलेश सिंह ने बताया कि नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह से क्रिसमस पर्व के अंतर्गत आयोजन शुरू हो जाते हैं। चर्च में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। चर्च परिसर में गीत, नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएगी। क्रिसमस ट्री के पास अपना वचन बोलकर केंडल जलाई जाएगी।
Friday, December 20, 2019

134 साल पहले बना था मण्डला का यह सेंट लूक्स चर्च
क्रिसमस को कुछ ही दिन बाकी है, हर कोई प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। शहर में कहीं तो घर में भगवान यीशु की गौशाला बनाई जा रही है तो कहीं गिरजाघरो में। शहर में पुराने गिराजाघर की रंग बिरंगी लाईटो से सजकर तैयार हो रहे हैं। मण्डला जिला मुख्यालय में स्थित सेंटलूक्स चर्च 134 साल पूराना है। कलेक्ट्रेट मार्ग में स्थित सेंट लूक्स चर्च अपने आप में ही खास हैं। ये शहर का सबसे पुराना चर्च होने के साथ ही अगंरेज इंजीनियर द्वारा पत्थर और मिट्टी से बनाया था। इसकी स्थापना 18 अक्टूबर 1885 में की गई थी। सेंट लूक्स चर्च के सामने चरनी बनाई गई है। जहां प्रभू का जन्म हुआ था। इसे प्रतीक रूप में चर्च के ठीक सामने सजाया जा रहा है। क्रिसमस की साज सज्जा में मुख्य हिस्सा होता है स्टार। हर सदस्य के घर में स्टार लगाकर डेकोरेट किया जाता है। पास्टर जेम्स चेरियन ने बताया कि ज्योतिषियों ने तारे देखकर ही बताया था कि परमात्मा यीशु का जन्म होने वाला है। इसीलिए स्टार का खास महत्व हैं। यह यीशु के आगमन का प्रतीक और शुभ चिन्ह माना जाता हैं। इस पर्व को लेकर बच्चों में विशेष उत्साह रहता है। बच्चे शांता क्लाज आने का इंतजार करते हैं जो उन्हें फूल एवं फल के साथ विशेष उपहार देगा। सेंट लूक्स चर्च से फादर सुहेन्द्र नीलेश सिंह ने बताया कि नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह से क्रिसमस पर्व के अंतर्गत आयोजन शुरू हो जाते हैं। चर्च में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। चर्च परिसर में गीत, नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएगी। क्रिसमस ट्री के पास अपना वचन बोलकर केंडल जलाई जाएगी।
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