स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाऐं अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें - डॉ. जगदीश चंद्र जटिया - newswitnessindia

Breaking

Your Ad Here

Thursday, December 19, 2019

स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाऐं अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें - डॉ. जगदीश चंद्र जटिया

मण्डला- मातृ मृत्यु की प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर डॉ. जगदीश चंद्र जटिया ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही अक्षम्य है, विभागीय अमला स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाऐं अन्यथा अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। जांच एवं उपचार के अभाव में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु को लापरवाही मानते हुए संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जायेगा। बैठक में ऐसे प्रकरणों की समीक्षा की गई जिनमें प्रसव के 42 दिनों के अंदर प्रसूता की मृत्यु हुई है। जिला योजना भवन में संपन्न हुई इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत तन्वी हुड्डा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्रीनाथ सिंह सहित समस्त बीएमओ, संबंधित एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं मृतिकाओं के परिजन उपस्थित रहे।
            कलेक्टर डॉ. जगदीश चंद्र जटिया ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ सभी अधिकारी कर्मचारी अपना मुख्यालय सुनिश्चित करते हुए बेहतर सेवायें उपलब्ध करायें। विभिन्न प्रकरणों पर परिजनों से मिले फीडबैक के आधार पर कलेक्टर ने कहा कि अनावश्यक रिफर न किया जाये। स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले मरीजों की स्थिति को देखते हुए केन्द्र में उपलब्ध श्रेष्ठ उपचार का प्रयास किया जाये। आपात स्थिति में अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का भी सहयोग प्राप्त किया जाये। गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करें।
    कलेक्टर ने कहा कि लक्ष्य से हटकर प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना प्रशासन का दायित्व है। उन्होंने निर्देशित किया कि यदि कोई गर्भवती महिला जांच के लिए नहीं आती तो आशा कार्यकर्ता एवं एएनएम उसके घर जाकर जांच करें। जच्चा एवं बच्चा को सभी टीका समय पर लगाया जाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार यदि कोई गर्भवती महिला विकासखण्ड के बाहर जाती है तो संबंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वे उस क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों को गर्भवती महिला से संबंधित जानकारी उपलब्ध करायें। गर्भवती महिला एवं प्रसूतिकाओं का लगातार फॉलोअप सुनिश्चित किया जाये। गर्भवती महिला को खून की कमी होने पर इसकी जानकारी तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाये। हाईरिस्क प्रसूता के परिजनों का सहयोग न मिलने पर एसडीएम एवं तहसीलदार को सूचित कर उसे अस्पताल में भर्ती कराना सुनिश्चित करें। गर्भवती महिलाओं के खून की जांच साईल्स मैथोड से की जाये। उन्होंने कहा कि दम्पत्तियों को 2 बच्चों के जन्म के बीच के अंतर के संबंध में जानकारी दी जाये। सभी जानकारियां आरसीएच रजिस्टर में ही संधारित की जायें। विधिवत अभिलेख संधारित न होने पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। खण्ड चिकित्सा अधिकारी मासिक बैठक में एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा संधारित की जाने वाले अभिलेखों की भी जांच करें। नगरीय क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी संबंधित बीएमओ की है।
        बैठक में सीईओ जिला पंचायत तन्वी हुड्डा ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के दायित्व निर्वहन में संवेदनशीलता दिखनी चाहिए। सुरक्षित प्रसव कराना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंनंे कहा कि विभागीय अमला परस्पर सामंजस्य और सहयोग से अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करें। अभी जो भी कमियां सामने आ रही हैं उन्हें दूर किया जाये अन्यथा हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जायेगी।
काउंसलिंग सर्विस को बेहतर बनाऐं
कलेक्टर डॉ. जगदीश चंद्र जटिया ने निर्देशित किया कि गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिवारजनों की बेहतर काउंसलिंग की जाये जिससे वे टीकाकरण एवं उपचार के लिए सहमत हो सकें। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग सर्विस को बेहतर बनाते हुए गर्भवती महिला एवं उसके परिवारजनों को टीकाकरण, जांच अथवा उपचार न होने की दशा में होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया जाये। काउंसलिंग के दौरान संस्थागत प्रसव के लाभ भी बताये जायें।