मण्डला:- कमलनाथ सरकार के गौरवशाली एक वर्ष पूर्ण होने पर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष संजय सिंह परिहार द्वारा सूर्यकुण्ड हनुमान मंदिर में अखण्ड रामायण पाठ एवं विशाल भंडारा का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर डाॅ. जगदीश चंद जटिया, जिला पुलिस अधीक्षक परिहार साहब एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आमजनों ने अपनी उपस्थिती दर्ज कराई एवं भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया । जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष संजय सिंह परिहार ने प्रेस को बताया कि म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ जी जो कि म.प्र. को एक सौगात के रूप में मिले हैं, जिसे केन्द्र में वाणिज्य एवं उद्योग, वन एवं पर्यावरण, शहरी विकास, संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का गहरा अनुभव प्राप्त है और उनका यह अनुभव मध्यप्रदेश के विकास में परिलक्षित भी हो रहा है ।
श्री कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री के रूप में जब अपना दायित्व संभाला, तब विरासत में उन्हें जो पिछली भाजपा सरकार ने सौंपा था, वह आर्थिक बदहाली, चरम पर अपराध, महिलाओं के आत्मसम्मान को ठेस, नौनिहालों का बिगड़ा हुआ स्कूल शिक्षा का भविष्य, प्रदेश का गिरता हुआ स्वास्थ्य, मंद और बंद पड़े उद्योग, किसानों के जीवन और आजीविका का संकट, बेरोजगारी से असुरक्षित युवाओं का भविष्य, अर्थात विरासत में कई चुनौतियां नेतृत्व के सम्मुख थी। मगर चुनौतियों को अवसर में बदलने का नाम ही कमलनाथ है। कमलनाथजी ने शपथ लेते ही इतनी बड़ी आर्थिक बदहाली के बावजूद सबसे पहला निर्णय हमारे अन्नदाता किसानों के हित में उनकी कर्जमाफी का लिया। आज 20 लाख किसानों को कर्ज से मुक्त किया जा चुका है। हमारा कण-कण हमारा रो-रोम अन्नदाता किसानों का ऋणी है। बचे हुए किसानों की कर्जमाफी हमारा फर्ज है और हम वह हर हाल में पूरा करेंगे। सार्वजनिक जीवन में कम लोग ही यह साहस जुटा पाते है कि धारा के विपरीत अपनी नौका का रूख करें और तूफानों के पार अपने गंतव्यों को तलाश लें। कमलनाथ सरकार ने ना सिर्फ किसानों की कर्जमाफी का कदम आगे बढ़ाया अपितु देश की सबसे सस्ती श्रेणी की बिजली 44 पैसे प्रति यूनिट आज प्रदेश के किसानों को दी जा रही है।
आज प्रदेश के 84 प्रतिशत लोग देश की सर्वाधिक सस्ती श्रेणी की घरेलू बिजली अर्थात एक रूपये प्रति यूनिट 100 यूनिट तक का लाभ ले रहे हैं, हम अभिभूत हैं कि प्रदेश के इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत लोगों का बिल पिछली सरकार की तुलना में मात्र 30 से 35 प्रतिशत रह गया है। कमलनाथ जी की स्पष्ट मान्यता है कि औद्योगिक निवेश मांगने से नहीं आता, उसे आकर्षित करना होता है। इतने कम समय में कमलनाथजी ने निवेश के लिए वो आकर्षण पैदा किया है, कि देश की भीषणतम आर्थिक मंदी के बावजूद उद्योग जगत मध्यप्रदेश में निवेश के लिए कतारबद्ध है।