मण्डला (NEWS WITNESS) - आजादी के अमृत महोत्सव की
श्रंखला में जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में ’मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में वसुधावंदन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम
पंचायत की अमृतवाटिका में 75 पौधों का रोपण कार्यक्रम
आयोजित किया गया। इसी कड़ी में मंडला विकासखंड के ग्राम इमलीगोहान में आयोजित
कार्यक्रम में अमृतवाटिका में पौधों का रोपण किया गया। इस कार्यक्रम में ध्वजवंदन
के बाद ग्राम के वीरगति प्राप्त शहीद हल्कुराम परते के तैलचित्र पर पुष्प चक्र
अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अवसर पर मण्डला विधायक देवसिंह सैयाम, कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना,
148वी
बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी अमित कुमार मिश्रा,
शहीद हल्कूराम के परिजन तथा
स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते
हुए मण्डला विधायक देवसिंह सैयाम ने कहा कि शहीद कभी मरते नहीं, वह अमर हो जाते हैं और उनका नाम अनंत काल तक स्मरण किया
जाता है। हम सभी सुरक्षित रहें इस हेतु अपना बलिदान करना हमारे वीर सैनिकों के
शौर्य का परिचायक है। उन्हांेने इमलीगोहान में शहीद हल्कूराम परते के स्मारक के
लिए कार्ययोजना तैयार करने की बात कही। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने
कहा कि वीर शहीदों की शहादत से नई पीढ़ी को अवगत कराना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
है। उन्होंने शहीद हल्कूराम की चर्चा करते हुए कहा कि देश के लिए शहीद होना सबसे
बड़ा पुण्य है। कलेक्टर ने कहा कि युवा पीढ़ी देश के गौरवशाली इतिहास का अध्ययन कर
उनसे सीखने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि देश के शहीद, वीर और वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए ’मेरी माटी मेरा देश’
अभियान की शुरूआत की गई है।
इस अभियान में देश के अमर बलिदानियों की स्मृति में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए
हैं।
साथ ही शहीद हल्कूराम के
परिजनों को सम्मानित भी किया गया। ‘‘मेरी माटी-मेरा देश‘‘ अभियान अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थितजनों द्वारा
पंचप्रण की शपथ ली गई। कार्यक्रम स्थल पर देश के अमर बलिदानियों व इन विभूतियों की
स्मृति में विशेष शिलालेख शिलाफलकम (स्मारक) की स्थापना भी की गई। कार्यक्रमो की
श्रंखला में समस्त ग्राम पंचायतों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की
उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान का गायन हुआ तथा शिलाफलक का
लोकार्पण भी किया गया।
शहीद हल्कूराम का जीवन परिचय
शहीद सिपाही हल्कूराम का जन्म पिता स्वर्गीय श्री हजारीलाल परते एवं माता स्वर्गीय श्रीमती इमरतो बाई परते के घर ग्राम कूड़ा देवरी, पंचायत इमली गोहान जिला मण्डला में 17 मई 1970 को हुआ था। ये परिवार में सबसे छोटे पुत्र थे और इन्होंने प्राथमिक शिक्षा ग्राम इमलीगोहान में तथा मैट्रिक जिला मण्डला से प्राप्त किया है। शहीद सिपाही हल्कूराम ने CRPF में वर्ष 1989 में भर्ती हुए और इन्होंने अपना बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त प्रथम तैनाती 75 बटा० CRPF पंजाब राज्य के तरण तारण जिला में हुई।
इसी दौरान 8 अगस्त 1991 को पंजाब राज्य के तरण तारण इलाके में आतंकवादियों की
CRPF एक टुकड़ी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्यूटी पर निकली थी। टुकड़ी
और आंतकवादियों के बीच मुठभेड़ हुआ जिसमें 2 से 3 आंतकियों को मार गिराया। इसी बीच आई०ई०डी० ब्लास्ट में
CRPF के पराक्रमी साहसी हल्कूराम परते शहीद हो गए। देश की आन्तरिक सुरक्षा
करते हुए शहीद सिपाही हल्कूराम परते का ये बलिदान देश और CRPF के सुनहरे
इतिहास में दर्ज हो गया है।
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