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Wednesday, August 9, 2023

मण्डला बिछिया : विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर निकाली आक्रोश रैली

मण्डला - विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बिछिया में बड़ा देव ठाना बहेरा नेवसा देव स्थल में सर्व आदिवासी समाज के प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति में बड़ा देव गोंगो पूजन किया गया। इसके बाद ऑडोटोरियम हॉल बिछिया में सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि  विधायक  नारायण सिंह पट्टा , कार्यक्रम की अध्यक्षता  जैन सिंह पंद्रे, आदिवासी नेता सुनील उइके, गर्जन सिंह मरावी, बीएल उइके, दयाल सिंह टेकाम, एनएस टेकाम, गोवर्धन धुर्वे, संभू सिंह मरकाम, जगत सिंह पंद्रे, कमल किशोर आर्मो एवं समाज के प्रबुद्ध जन मौजूद रहे। इस दौरान गौंडवाना साम्राज्य की महारानी दुर्गावती जी के तैल चित्र पर हल्दी चावल का तिलक वंदन कर पूजन अर्चन किया गया। कार्यक्रम के उद्बोधन में विधायक नारायण सिंह पट्टा ने आदिवासियों के ऊपर मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर बलात्कार की घटना, कुरई सिवनी की घटना, सीधी में एक गरीब आदिवासी युवक पर प्रवेश पांडे के द्वारा पेशाब कांड, शिवपुरी में आदिवासी को मल खिलाने की घटना एवं अन्य घटनाओं पर सरकार की नाकामी पर आक्रोश व्यक्त किया गया। आदिवासी नेता सुनील उईके ने विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के दिन 9 अगस्त का दिन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाए जाने का निर्णय लिया गया था। तब से लगातार विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। 

इस अवसर पर मणिपुर की घटना एवं अन्य घटनाओं पर गैर आदिवासियों के द्वारा किए गए कृत्य की घोर निन्दा करते हुए दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया।  सभा को सीआर अहिरवार, एडवोकेट गिरीश मराठा, दयाल सिंह टेकाम, सुन्हेर सिंह धुर्वे, एनएस टेकाम, जनपद अध्यक्ष शकुना उईके, रजनी टेकाम, सुनीता मरावी गायत्री धुर्वे, यामनी पंद्रे, उजर सिंह मरकाम, सेव कुमार मसराम, अंकित मरकाम ने संबोधित किया।


ये रही प्रस्ताव में मांगे : 


मणिपुर में आदिवासियों के साथ हो रहे हिंसा, अमानवीय कृत्य, महिलाओं के साथ घोर आपत्तिजनक दुव्र्यहार को रोकने व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर राज्य में शांति बहाली के लिए कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए। समान नागरिक संहिता बिल को आदिवासी वर्ग से पृथक रखा जाए। पर्यावरण एवं वनों की सुरक्षा के लिए वन संरक्षण कानून में संशोधन 2023 को अनुसूचित जन जाति क्षेत्र से पृथक रखने या अपवाद व उपांतरण के साथ लागू करने कि समवैधानिक व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। पेशा कानून में मंशा अनुरूप क्रियान्वयन कर हर राज्य सरकारें सुनिश्चित करें। 5 वी अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानीय स्वाशासन के लिए पृथक से कंफोमेंट्री एक्ट लाया जाए। गोंडी भाषा और पीली भाषा को 8वी अनुसूची में सम्मलित किया जाए। 

अनुसूचित जिलों में प्राथमिक स्तर पर गोंडी भाषा और पीली भाषा में पाठक्रम प्रारंभ किया जाए। पेशा कानून नियम 2022 के तहत बनाया जाए। वन अधिकार मान्यता कानून 2006 के उचित क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर, तहसील स्तर, ब्लॉक, ग्राम पंचायत, ग्राम स्तर पर संबंधित विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं आमजनता के लिए प्रशिक्षित प्रशिचकों के द्वारा सामुदायिक अधिकार फार्म हेतु कार्यशाला आयोजित किया जाए। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर संपूर्ण देश में सामान्य अवकाश घोषित किया जाए। आदिवासियों के ऐतिहासिक धरोहरों किला महल बावली देव ठाना, कला संस्कृति की संरक्षण किया जाए। संविधान की 5वी अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों में कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। ट्राइबल सब प्लान की राशि को समग्र विकास के लिए ही उपयोग में अनुसूचित क्षेत्रों में लाया जाए। अपराधिक मामलो पर निष्पक्ष जांच कर निर्दोषों को तुरंत रिहा किया जाए। सरकार ने जिन पोस्ट मेट्रिक एवं प्री मैट्रिक छात्रावसों को बंद किया है तत्काल चालू किया जाए। आदिवासी बरगी चुटका परियोजना को तत्काल रद्द किया जाए। लंबे समय से आरक्षित वर्ग के बैकलॉग के रिक्त पदों की भर्ती तत्काल की जाए।  


कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित :


विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष  चित्रा धुर्वे, रणधीर सिंह राजपूत उपा. नगर परिषद, राम सिंह मरकाम, जगत सिंह पंद्रे, राज कुमार बघेल, पार्षद प्यारे लाल कोराम, त्रिवेणी टेकाम, पूनम रजक, शारदा वरकड़े, कृष्णा टेकाम, दुर्गेश पट्टा, कैलाश देहरिया, हीरा उद्दे, टीका तुमराली और सर्व आदिवासी समाज बड़ी संख्या में उपस्थित था। आक्रोश रैली के अंत में विनोद रंगमंच भुआ बिछिया में महामहिम राष्ट्रपति के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिछिया सर्जना यादव को ज्ञापन सौंपा गया। कार्यक्रम में मंच का संचालन आदिवासी नेता सुनील उइके द्वारा और आभार प्रदर्शन एनएस टेकाम द्वारा किया गया।

  




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