बंदर के शिकारियों को 1-1 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्माना - newswitnessindia

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Monday, March 6, 2023

बंदर के शिकारियों को 1-1 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्माना

मण्डला - माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला मण्डला द्वारा आरोपीगण हीरालाल धुर्वे पिता बैशाखू, सरजू तारम पिता जुल्ली, सेमलाल विश्वकर्मा पिता जियालाल, बबलू वाटिया पिता बालसिंह एवं सतन सिंह ताराम पिता सुख्खू सिंह सभी निवासी ग्राम गुल्लू खोह थाना घुघरी तहसील घुघरी को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 सहपठित 51 के अपराध का दोषी पाते हुये एक एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण के संबंध में बताया गया कि वन परिक्षेत्र अधिकारी घुघरी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र संक्षेप में यह है कि दिनांक 08.11.2016 को शाम को लगभग 6 बजे पहलसिंह मार्को डोंगरमंडला एवं गश्ती दल के साथ वनक्षेत्र में गश्ती कर रहे थे, गश्ती करते समय बीट डोंगरमंडला अंतर्गत डोंगरंडला से मंडला पी.डब्ल्यू.डी रोड पर एक संदिग्ध व्यक्ति के साथ में पॉलीथिन में कुछ सामान ले जाते हुए दिखाई दिया, जिससे रोककर पूछताछ की गई तो पता चला कि वह जंगली जानवर का कच्चा मांस लेकर जा रहा था तथा उसने अपना नाम समारू विश्वकर्मा पिता नवल निवासी गुल्लूखोह का बताया जिसने पूछताछ में बताया कि वह कच्चा मांस हीरासिंह धुर्वे पिता बैसाखू ने दिया है। हीरासिंह के खेत में बनी झोपड़ी में पहुंचते ही सुमारू हाथ छुड़ाकर रात के अंधेरे में कहीं भाग गया। हीरासिंह से पूछताछ करने पर उसने वन्यप्राणी का नाम लाल मुंह का बंदर बताया। आरोपीगण द्वारा किया गया कृत्य वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 का उल्लंघन होने से उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है। विचारण के दौरान अभियुक्त समारू विश्वकर्मा पिता नवल विश्वकर्मा उपस्थित न होकर फरार रहा है। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क से सहमत होते हुये विचारण उपरांत माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला मण्डला द्वारा पांचों आरोपीगण को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रमेश चन्द्र मिश्रा द्वारा की गई है।

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