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उद्देश्य - स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बच्चों को किया
जायेगा जागरूक |
मंडला - बच्चों के समग्र शैक्षणिक विकास के लिए अब विद्यालयों में हफ्ते में एक दिन उमंग स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उमंग स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 6 से 12 वीं तक के बच्चों की आयु अनुरूप अलग- अलग कक्षा माड्यूल संचालित करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के शैक्षणिक सत्र के 2022-23 के वार्षिक कैलेंडर में जोड़ा जाएगा।
उन सत्रों में उमंग स्कूल हेल्थ एवं
वेलनेस कार्यक्रम अन्तर्गत सत्र का आयोजन किया जाएगा एवं आगामी शैक्षणिक सत्र से
उमंग स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम अन्तर्गत सत्र के नाम से ही सत्रों को
वार्षिक कैलेंडर में जोड़ा जाएगा। कक्षा 6 से 12 तक के मॉडयूल यूएनएफपीए के सहयोग से तैयार किया जाएगा, जो भारत सरकार के मॉड्यूल को इष्टिगत रखते हुए तैयार किए जाएगें।
स्कूल शिक्षा विभाग मप्र द्वारा वर्ष 2017 से संचालित उमंग जीवन कौशल कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2020-21 से संचालित आयुष्मान भारत एवं वेलनेस कार्यक्रम के क्रियान्वयन मॉडल, विषय सामग्री, माड्यूल का अवलोकन कर निर्णय लिया गया है स्कूल हेल्थ कि आयुष्मान भारत, स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम एवं उमंग जीवन कौशल कार्यक्रम को अलग-अलग संचालित किए जाने के स्थान पर दोनों कार्यक्रम को संयुक्त कर उमंग स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम के नाम से मध्यप्रदेश के सभी जिलों की समस्त शासकीय एवं शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं के कक्षा 6 से 12 तक की बच्चों के लिए संचालित किया जाएगा।
यह कार्यक्रम आयुष्मान भारत कार्यक्रम अंतर्गत ही संचालित किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का किशोर स्वास्थ्य (आरकेएसके) घटक इस कार्यक्रम के संचालन का मुख्य घटक के रूप में एवं मुख्य डेवलपमेंट पार्टनर की भूमिका में यूएनएफपीए होगा।जानकारी अनुसार विगत 2020-21 और 2021-22 में मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया था। जिसमें 2020-21 में 241 शिक्षक और 2021-22 में 465 शिक्षकों को प्रशिक्षित कर कुल अभी तक 706 हेल्थ एण्ड वेलनेस एम्बेसडर बनाया गया है।
अब वेलनेस एम्बेसडर द्वारा स्कूलों में कार्यक्रम के अंतर्गत गतिविधियां की जा रही है। बता दे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत, स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम अन्तर्गत प्रतिवर्ष स्वीकृत बजट से उमंग स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा एवं अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होने पर स्कूल शिक्षा विभाग और डेवलपमेन्ट पार्टनर के बजट का उपयोग कर कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा।
हाई व हायर सेकेण्डरी के 360 शिक्षकों को प्रशिक्षण :
उमंग स्कूल हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य
मिशन द्वारा जिले के सभी विकासखंड के हाई एवं हायर विद्यालय के 360 चिन्हित शिक्षकों को हेल्थ एण्ड वेलनेस
एम्बेसडर बनाने के लिए मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक बच्चों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक
करेंगे। जिले के हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल के 360
शिक्षकों को 08 बैंच में प्रशिक्षण शुरू कर
दिया है। जिसका पहले बैच के प्रशिक्षण का आज समापन होगा। आयोजित प्रशिक्षण में हर
एक बैंच में 45 शिक्षक 11 मॉड्यूल पर
हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर का प्रशिक्षण ले रहे है। आयोजित
प्रशिक्षण में राज्य स्तर के मास्टर ट्रेनरों से प्रशिक्षित है। जिले के 15
शिक्षकों को इस प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया है। जिसमें हर
बैच में एक महिला और एक पुरूष ट्रेनर शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे है। शुरू हुए
प्रशिक्षण के प्रथम बैच में हरि प्रसाद शर्मा, संजय सिंगौर,
शाहिदा कुरैशी और आरती कोल द्वारा प्रशिक्षण
दिया जा रहा है। इसी तरह अन्य बैच में शेष शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
हर हफ्ते एक दिन रोचक गतिविधियां :
जानकारी अनुसार उमंग स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों (एक महिला व एक पुरूष)
को हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर बनाया जा रहा है। इन्हें स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा
देने और रोगों के रोकथाम के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। हेल्थ एंड वेलनेस
एंबेसडर सप्ताह में एक दिन छात्रों के साथ रोचक गतिविधियों के माध्यम से सत्र
आयोजित करेंगे। प्रत्येक कक्षा से दो नामित छात्र स्वास्थ्य संबंधित संदेशों को
समाज तक पहुंचाने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करेंगे।
विद्यालय में सप्ताह के एक दिन उमंग हेल्थ एण्ड वेलनेस डे का आयोजन किया जायेगा।
होगी मुख्य गतिविधियां आयोजित :
एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत बच्चों को एनिमिया या
इससे होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए साप्ताहिक आयरन फॉलिक-एसिड अनुपूरण
कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। गतिविधियों में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, शाला में प्रत्येक छात्र, छात्रा की (विशेष रूप से
किशोरियों की) वर्ष में दो बार एनीमिया जॉच कम्यूनीटी हेल्थ ऑफिसर एवं स्वास्थ्य
विभाग के अन्य स्टाफ द्वारा की जाएगी। आरबीएसके टीम के
द्वारा वर्ष में एक बार स्वास्थ्य जाँच कम्यूनीटी हेल्थ ऑफिसर के द्वारा प्रत्येक
त्रैमास में होने वाले किशोर हेल्थ एवं वेलनेस दिवस पर स्वास्थ्य जॉच होगी,
दाँतों एवं आँखों का परीक्षण वर्ष में एक बार की जाएगी, 10 वर्ष एवं 16 वर्ष
के किशोर-किशोरियों को वर्ष में एक बार टेटनेस और अडल्ड डिप्थीरिया (टीडी) का
टीकाकरण किया जाएगा। वर्ष में एक बार एलबेण्डाजोल की गोलियों का सेवन कराया जाएगा।
इसके साथ शाला को तम्बाकू मुक्त बनाया जाएगा। जिसके लिए भारत सरकार के कोटपा 2003
अधिनियम की धारा 6 के अनुसार विद्यालय परिसर
में एवं 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थों की बिक्री
नहीं होनी चाहिए यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ शाला में स्वच्छ पानी एवं शौचालय
की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के
अंतर्गत जिलें में पदस्थ परामर्शदाता द्वारा छात्रावास में सामूहिक एवं व्यक्तिगत
परामर्श प्रदान करेंगे।
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