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Friday, December 9, 2022

विद्युत विभाग के कनिष्ट यंत्री को 4 वर्ष का कठोर कारावास

 

मंडला - माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मण्डला  सुबोध कुमार विष्वकर्मा द्वारा विशेष प्रकरण क्रमांक 02/18 में नैनपुर में पदस्थ विद्युत विभाग के कनिष्ट यंत्री अनूप कुमार बोस को दोषसिद्ध ठहराते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 15 हजार रू के अर्थदण्ड तथा धारा 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) में चार वर्ष के कठोर कारावास एवं 15 हजार रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

प्रकरण के संबंध में जिला लोक अभियोजन अधिकारी मण्डला द्वारा यह बताया गया है कि, दिनांक 23.11.2017 को नैनपुर वार्ड नंबर-3 के निवासी प्रार्थी मुकेश राठौर द्वारा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन जबलपुर में इस बात की लिखित शिकायत की गई थी कि, ग्राम सालीवाडा में उसका ढाई एकड का फार्म हाउस है जिसमें तीन हाॅर्स पावर का विद्युत कनेक्षन लगवाने के एवज में म.प्र. विद्युत वितरण केन्द्र नैनपुर में पदस्थ कनिष्ट यंत्री अनूप कुमार बोस द्वारा उससे 10 हजार रू रिश्वत की मांग की गयी है जिसमें से उसने 5 हजार रू प्राप्त कर लिया है तथा शेष 5 हजार रू रिश्वत देने के लिए दबाव बना रहा है। लोकायुक्त में की गई शिकायत के बाद प्रार्थी मुकेश राठौर ने लोकायुक्त कार्यालय द्वारा दिये गये टेप में अभियुक्त अनूप कुमार बोस से बातचीत करते हुए रिश्वत के संबंध में बातचीत को रिकाॅर्ड कर लिया जिसके पष्चात पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त संगठन जबलपुर द्वारा एक टेªप दल का गठन किया गया है जिसमें निरीक्षक कमल सिंह को रिश्वत के संबंध में कार्यवाही करने के लिए अधिकृत किया गया और अभियुक्त अनूप कुमार बोस के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 269/17 पंजीबद्ध करते हुए प्रकरण को विवेचना में लिया गया।

दिनांक 25.11.2017 को म.प्र. विद्युत वितरण केन्द्र नैनपुर में अभियुक्त अनूप कुमार बोस को प्रार्थी मुकेश राठौर से 5 हजार रू रिश्वत लेते हुए रंगे हांथों पकडकर उससे प्रार्थी के विद्युत कनेक्षन से संबंधित फाईल केा जप्त किया गया। विवेचना कार्यवाही में अभियुक्त के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13(1)(डी), 13(2) का अपराध प्रमाणित पाये जाने पर अभियोग पत्र विषेष न्यायाधीष मण्डला के न्यायालय में वर्ष 2018 में प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य को विष्वसनीय मानते हुए माननीय विशेष न्यायाधीश सुबोध कुमार विष्वकर्मा द्वारा अभियुक्त अनूप कुमार बोस को दोषसिद्ध ठहराते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 15 हजार रू के अर्थदण्ड तथा धारा 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) में चार वर्ष के कठोर कारावास एवं 15 हजार रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। लोकायुक्त संगठन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियेाजन अधिकारी मण्डला अरूण कुमार मिश्रा द्वारा किया गया।


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