मण्डला - राष्ट्रीय ग्रामीण बाल
स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले के 16 बच्चों के दिल की धड़कन अब नहीं थमेगी। सभी
सामान्य जीवन जी सकेंगे। जिला शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय
मंडला के अंतर्गत हृदय रोग जांच शिविर का आयोजित किया गया। जिसमें जबलपुर मेट्रो
हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. केएल उमा माहेश्वर कार्डियोलॉजिस्ट एवं शिशु रोग सर्जन व
उनकी टीम ने 57 ह्दय रोगी बच्चों की
इको-कार्डियो मशीन से जांच की गई। जिसमें 16 बच्चे हृदय रोग से पीडि़त मिले। इन बच्चों का
मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर में नि:शुल्क ऑपरेशन किया जाएगा।
शिविर में स्वास्थ्य विशेषज्ञ की टीम में जबलपुर मेट्रो
हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. केएल उमा माहेश्वर कार्डियोलॉजिस्ट एवं शिशु रोग सर्जन व
उनकी टीम ने सेवाएं दी गई।
सीएमएचओ
डॉ. श्रीनाथ सिंह ने बताया कि सभी चयनित 16 बच्चों का शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल
ह्दय उपचार योजना के अंतर्गत ह्दय रोग से पीडि़त चयनित किये गए बच्चों का नि:शुल्क
उपचार किया जाएगा। शिविर में सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह, सिविल सर्जन डॉ. केआर शाक्य, डीईआईसी प्रबंधक अर्जुन सिंह समेत अन्य चिकित्सक स्टाफ
मौजूद रहा।
डीईआईसी प्रबंधक अर्जुन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय
स्वास्थ्य मिशन की योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत
0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क
स्वास्थ्य सेवाएं जिला शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र में दी जा रही है। जिससे
कि पीडि़त बच्चे निरोगी हो सके। इसी उद्देश्य से आरबीएसके अंतर्गत जिला शीघ्र
पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय मंडला में मुख्यमंत्री बाल ह्दय
उपचार योजना के अंतर्गत ह्दय रोग से पीडि़त बच्चों का नि:शुल्क जांच परीक्षण
मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर द्वारा ईको पद्धति से किया गया। शिविर में मेट्रो हॉस्पिटल
जबलपुर के डॉ. केएल उमा माहेश्वर द्वारा जांच परीक्षण किया गया। परीक्षण के बाद
चिन्हित बच्चों को शल्य चिकित्सा के लिए नि:शुल्क भेजा जाएगा।
इन बच्चों की होगी सर्जरी:
आयोजित शिविर में 57 बच्चों की इको जांच एवं रजिस्ट्रेशन हुआ। ईकों
जांच में 16 बच्चे सर्जरी योग पाए गए
हैं। जिसमें 23 बच्चों का मेडिकल ट्रीटमेंट
एवं फॉलोअप के लिए निर्देशित किया गया है। वहीं 18 बच्चे जांच में नॉर्मल मिले। सर्जरी योग्य पाए
गए बच्चों में आरोही उईके हृदयनगर मंडला, रियांशी उईके भैसादहा मंडला, दिव्यांन पटेल नरेलीमॉल, पूर्वी नंदएवर धतूरा नैनपुर, अर्चना यादव वार्ड नंबर 2 मंडला, अमन पिपरिया नैनपुर, दिलेस्वामी साहू बदला बिछिया, देवांशी मार्को खजौली रैयत
मंडला, भारती मिश्रा खमरिया नैनपुर, जिज्ञासा गिरी मक्के नैनपुर, वेदिका निवास, निधि यादव कोहका निवास, प्रीत जगहला मक्के नैनपुर, अवनी मरावी आमानाला मंडला, दीपांशु कोठी धनवाही घुघरी, अश्विन मरावी सूरजमानी
नारायणगंज चयनित किये गए है।
शिविर में रहे उपस्थित :
नि:शुल्क ह्दय रोग शिविर में मेट्रो हॉस्पिटल से डॉ. केएल
उमा महेश्वर कार्डियोलॉजिस्ट एवं पीडियाट्रिक सर्जन एवं सहयोगी टीम रत्नेश
गोस्वामी एवं एसपी दुबे, सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह, सिविल सर्जन डॉ. कृपाराम
शाक्य, जिला शीघ्र हस्तक्षेप
प्रबंधक अर्जुन सिंह, डॉ. शैलेंद्र चंदेला डेंटल
सर्जन, वीरेंद्र पाटिल ऑडियोलॉजिस्ट
एवं स्पीच थैरेपिस्ट, आयुष चिकित्सक डॉ. रश्मि जैन, डॉ. सुनील भावरे, डॉ. मुकेश मार्सकोले, डॉ. शशिकला केराम, डॉ. राजकुमार नंदा, डॉ. धनराज भावरे, डॉ. ललित चतुर्वेदी, डॉ. सुकन्या शुक्ला, डॉ. किरण पेंद्रे. डॉ. सविता
श्याम, डॉ. अरविंद मरावी, डॉ. रोशनी परस्ते, डॉ. झारिया, डॉ. अजय खंडेल, डॉ. नीलिमा बहाने, डॉ. विकास राय, डॉ. ओपी पटेल, डॉ. मुकेश झारिया, डॉ. त्रिवेणी मेश्राम, डॉ. जयंती वटी का शिविर में
सहयोग रहा।
जमा करें दस्तावेज:
डीईआईसी प्रबंधक अर्जुन सिंह ने पीडि़त बच्चों के परिजनों
से कहा है कि शिविर में चयनित बच्चों को नि:शुल्क उपचार के लिए जल्द भेजा जाएगा।
जिसके लिए दस्तावेज मंगाए गए थे। जिन परिजनों ने दस्तावेज जमा नहीं किये है उनसे
कहा गया है कि वे जिला चिकित्सालय स्थित डीईआईसी कार्यालय मंडला में जन्म प्रमाण
पत्र, आधार कार्ड, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, परिचय पत्र, दो कलर फोटो जमा करे।
ह्दय रोग की पहचान:
सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह ने बताया कि अब बच्चे भी हृदय रोग
से अछूते नहीं रहे। आम तौर पर बच्चों में होने वाले हृदय रोगों को पहचानना कठिन
होता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत सामान्य होते है। माता-पिता भी बच्चों में हृदय
रोगों के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते और समय पर इसकी पहचान नहीं होने के कारण
ये रोग गंभीर हो जाते है। अनदेखी के कारण ही ये बीमारियां जीवन के लिए भी खतरा बन
जाती है। ह्दय रोग से पीडि़त बच्चों की पहचान बच्चों में बार बार बुखार आना, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी या थकान, होंठ नीले पड़ जाना, एक पैर में सूजन, दिल की धडकन की ताल में
परिवर्तन, लगातार या सूखी खांसी, त्वचा पर चकत्ते, अंगुलियां के सिरे मोटे हो
जाना ह्दय रोग से पीडि़त की पहचान की जा सकती है।




No comments:
Post a Comment