मण्डला - लोकायुक्त से मिली जानकारी के अनुसार मटेरियल सप्लायर (ठेकेदार) अरिवंद जंघेला ग्वारी निवासी ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य में मटेरियल सप्लाई किया था। जिसका बिल उसका कई माह से बकाया था। बिल ग्राम पंचायत से निकलवाना चाह रहा था। लेकिन उसे घुमाया फिराया जा रहा था। चक्कर लगवाए जा रहे थे। ग्राम पंचायत ग्वारा के रोजगार सहायक मानिक लाल जंघेला से जब बिल निकलवाने कहा था। उसने राशि की डिमांड कर दी। जिसकी शिकायत 9 मार्च को लोकायुक्त जबलपुर को की गई। लोकायुक्त जबलपुर शिकायत मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी। रिश्वत के तमाम सुबूत जुटाए गए। जब टीम इस बात पर पुख्ता हो गई कि वास्तव में रोजगार सहायक रिश्वत मांग रहा है। वह मंगलवार को ग्राम पंचायत ग्वारा पहुंची और फिर जैसे ही पीड़ित अरविंद ने 20 हजार रुपये की राशि रिश्वत के रूप में दी। लोकायुक्त की टीम तत्काल पहुंच गई और उसे रिश्वत की राशि के साथ पकड़ लिया। तत्काल उसके हाथ धुलवाए गए, पानी का रंग लाल हो गया, ठेकेदार के भी हाथ धुलाए गए, उसके पानी का रंग भी लाल हो गया। जिसके बाद पुलिस ने ग्राम पंचायत में ही बैठकर कार्रवाई को अंजाम दिया। आवेदक अरविंद जंघेला ने बताया कि उसने ग्राम पंचायत में नल, कुआं वाले स्थान में बन रहे शोकपिट के लिए मटेरियल सप्लाई रेत, सीमेंट, गिटटी सप्लाई किया था। 9 शोकपिट बनाए जा रहे थे। 18 हजार रुपये प्रति शोकपिट के हिसाब से मटेरियल सप्लाई किया था। जिसका एक लाख 62 हजार रुपये हो रहा था। पूरी राशि निकलवाने के लिए 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। 58 हजार 990 रुपये निकालने के लिए 5 हजार की राशि ले चुके थे। शेष राशि निकालने के लिए भी डिमांड की जा रही थी। इसी के चलते 20 हजार रुपये की राशि दे रहा था। इसके बाद 25 हजार रुपये और देना था। राशि न देने पर लगातार घुमाया फिराया जा रहा था। जिस कारण मुझे लोकायुक्त को शिकायत करना पड़ी।
Tuesday, March 15, 2022

रोजगार सहायक को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते धरदबोचा
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