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Wednesday, December 29, 2021

माँ-बेटी की हत्या करने वाले आरोपियों को हुआ आजीवन कारावास

वर्ष 2021 में सभी जघन्य मामलों में अपराधियों को शतप्रतिशत सजा दिलाने में मण्डला अभियोजन ने म.प्र. में सर्वाेच्च स्थान प्राप्त किया


मंडला - न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला श्री निरंजन कुमार पांचाल द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 17/16 शासन विरूद्ध राजकुमार पटेल, संतोष पटेल, हम्मी मरावी के मामले में आरोपीगण को दोहरे हत्या के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुये उन्हेे आजीवन कारावास एवं जुर्माने केे कठोर दण्ड से दण्डित किया गया है। जिला अभियोजन अधिकारी मण्डला अरूण कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि, प्रकरण थाना बम्हनी ने अपराध क्रमांक 466/15 से संबंधित है। दिनंाक 28.10.2015 को थाना बम्हनी में पदस्थ थाना प्रभारी जी.एस. मर्सकोले को सुबह कस्बा बम्हनी मे रेंज आॅफिस के पास स्थित अपने घर में दो महिलाओं के मृत हालत में पडी होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना प्राप्त होने पर थाना प्रभारी जी.एस. मर्सकोले अपने हमराह स्टाफ के साथ घटनास्थल बम्हनी कस्बा के वार्ड नम्बर 5 स्थित मृतिका चंदोबाई के मकान पर गये जहां पर घर के अंदर एक कमरे में एक पलंग पर मृतिका चंदोबाई तथा दूसरे पंलग पर उसकी पुत्री मृतिका दुर्गाबाई का शव खून से लथपथ अवस्था में देखा गया। थाना प्रभारी जी.एस. मर्सकोले द्वारा सुबह 09.30 बजे घटनास्थल पर उपस्थित साक्षी अजय चन्द्रोल के बताए अनुसार घटना की रिपोर्ट भा.द.वि. की धारा 302 के अंतर्गत अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना कार्यवाही में लिया गया।  महिला उप निरीक्षक आरती धुर्वे के द्वारा दोनों मृत महिलाओं के शव की पंचनामा कार्यवाही की गयी। थाना प्रभारी जी.एस. मर्सकोले द्वारा घटनास्थल से खून लगे हुए फर्स के टुकडे, तकिया, गद्दा, पंलग के निवाड को जप्त कर घटनास्थल पर खूंटी पर टंगा हुआ एक गमछा और शर्ट भी जप्त किया गया। घटनास्थल के निरीक्षण करने पर यह भी पाया गया कि घर के अंदर सामने की परछी में एक पंलग और बिस्तर लगा था तथा आंगन मे बने कमरे में एक चटाई बिछी थी जिस पर एक तकिया रखा हुआ था। घटनास्थल के निरीक्षण करने पर यह भी पाया गया कि घटनास्थल से किसी संपत्ति की चोरी या लूट नही हुई थी। घटनास्थल के निरीक्षण करने पर थाना प्रभारी जी.एस.मर्सकोले इस निष्कर्ष पर पंहुचे कि कोई निकट का रिस्तेदार मृतिकाओं के घर में रात में रूका था और उन्ही के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया। 

मृतिका चंदोबाई के पति कतकू चन्द्रोल का देहांत छः माह पूर्व हो चुका था। चंदोबाई की कुल पांच पुत्रियां थी जिनका नाम रूकमणी, माया, लक्ष्मी, सीता और दुर्गाबाई था। मृतिका चंदोबाई की सभी पुत्रियों की शादी हो चुकी थी। मृतिका दुर्गाबाई चंदोबाई की सबसे छोटी पुत्री थी जो अपने पति को छोडकर बम्हनी में अपनी मां के साथ रह रही थी। बम्हनी स्थित घर में मृतिका चंदोबाई और दुर्गाबाई घटना के समय घर में अकेली रहती थी तथा चंदोबाई की पुत्री लक्ष्मीबाई का लडका अवधेश बीच-बीच मे उनके घर आकर उनकी देखभाल करता था। घटना से लगभग दो माह पूर्व चंदोबाई के पति कतकू चंद्रोल की मृत के उपरांत छःमासी कार्यक्रम के समय चंदोबाई के सभी दामाद, बहनोई उनके घर पर आए थे जिस समय चंदोबाई की संपत्ति के बटवारे के संबंध में आपस में चर्चा हुई थी। चंदोबाई के बडी पुत्री रूकमणी की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी जिसके कारण उसके पति संतोष पटेल के द्वारा अपने बेरोजगार पुत्र राजकुमार के लिए चंदोबाई से उसके घर के सामने का एक कमरा दुकान खोलने हेतु मांगा गया था। चंदोबाई द्वारा अपने जीते जी अपनी संपत्ति का बटवारा करने से इंनकार कर दिया गया था तथा यह इच्छा व्यक्त की गई कि, उसकी छोटी पुत्री दुर्गाबाई अकेली है जिस कारण वह अपनी संपत्ति दुर्गाबाई को देगी तथा वह चाहती है कि दुर्गाबाई लक्ष्मीबाई के पुत्र अवधेश को गोद ले ले जिससे उसकी मृत्यु के बाद दुर्गाबाई को अवधेश का सहारा मिल सके। दिनांक 05.11.2015 को थाना प्रभारी जी.एस.मर्सकोले द्वारा संदेह के आधार पर अभियुक्त राजकुमार को अभिरक्षा में लेकर उससे पूछताछ की गयी तब इस दोहरे हत्याकांड का खुलासा हुआ। अभियुक्त राजकुमार द्वारा पुलिस के सामने यह स्वीकार किया गया कि उसने अपने पिता संतोष पटेल और अभियुक्त हम्मी मरावी के साथ मिलकर दिनांक 25.10.2015 की रात में कुल्हाडी से दुर्गाबाई और चंदोबाई की हत्या कर कुल्हाडी घटनास्थल के पास रेंज आॅफिस की झाडियों में छिपा दी गयी है। पुलिस द्वारा अभियुक्त राजकुमार से हत्या की घटना मे प्रयुक्त की गई कुल्हाडी जप्त की गयी जिसमें खून लगा हुआ था। विवेचना कार्यवाही के दौरान अभियुक्त राजकुमार एवं हम्मी मरावी खून लगे हुए कपडे भी जप्त किये गये। अभियुक्त संतोष पटेल, राजकुमार पटेल एवं हम्मी मरावी को गिरफ्तार कर प्रकरण में अनुसंधान कार्यवाही पूर्ण कर अभियुक्तगण के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 302 के अंतर्गत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिला प्रशासन द्वारा मामले को चिन्हित जघन्य सनसनीखेज मामला मानते हुए इसकी उत्कृष्ट अनुसंधान कार्यवाही एंव प्रभावी अभियोजन संचालन हेतु अवश्यक निर्देश दिए गये तथा मामले की निरंतर समीक्षा की गयी।

न्यायालय में शासन की ओर से अभियोजन संचालन जिला अभियेाजन अधिकारी अरूण कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया। विचारण कार्यवाही के दौरान कुल 43 अभियोजन साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। मीडिया सेल प्रभारी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मण्डला जीतेन्द्र सिंह द्वारा बताया गया कि, चिन्हित जघन्य सनसनीखेज मामलों मे शत प्रतिशत सजा के साथ मण्डला जिला वर्तमान में सर्वोच्च स्थान पर है तथा इस वर्ष कुल 15 आपराधिक मामले निराकृत हुए जिनमें सभी मामलों में अपराधियों को सजा हुई। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और तर्कों से सहमत होते हुये अभियुक्त राजकुमार पटेल को धारा 302 भा.द.वि. में आजीवन कारावास व 4000/-रू के अर्थदण्ड, अभियुक्त संतोष पटेल को धारा 302 भा.द.वि. में आजीवन कारावास व 4000/-रू के अर्थदण्ड एवं हम्मी मरावी को धारा 302 भा.द.वि में आजीवन कारावास व 4000/-रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

 

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