मण्डला। शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार और बंदरबांट कर दौलत कमाई गई, इतना ही नहीं हर पंचायतों में ठेकेदार भी पैदा किये गये, इनके बदौलत ही शासन के खजाने में सेंध लगाई गई। जिले की जनपद पंचायत मण्डला के अंतर्गत की ग्राम पंचायत सेमरखापा में कराये गये निर्माण कार्यों की अगर जमीनी हकीकत देखी जाये तो, नजारा ही कुछ और है, केवल नाम मात्र को काम कराये गये हैं और बाकी की रकम निकालकर बंदरबांट कर ली गई है, घर बैठकर कथित उपयंत्री के द्वारा मूल्याकंन किया जाता है,
शिकायत और मामला सुर्खियों में आने के बाद जांच के आदेश भी दिये
और जॉच दल भी गठित हुआ एवं दो दिन तक जॉच भी चली इसके बाद जॉच ठण्डे बस्ते पर चले
गई, वहीं जॉच दल
भी गायब हो गया। ग्राम पंचायत सेमरखापा में हुए फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश किया गया, लेकिन अभी तक
जांच में क्या हुआ यह समझ से परे है। कोई भी जिम्मेदार मामले की जानकारी देने से
बच रहा है। जबकि सरपंच, उपसरपंच एवं सचिव और रोजगार सहायक व उपयंत्री की मिलीभगत से
भ्रष्टाचार किया गया है। साथ ही ग्राम पंचायत में अपंजीकृत ठेकेदार काम किये हैं
और फर्जी मटेरियल के बिल लगायें हैं ऐसी फर्मों के विरूद्ध भी ठोस कार्यवाही होनी
चाहिए।
सेमरखापा में हुये फर्जीवाड़े की जॉच कब तक
चलेगी
हर विभागों में कार्य की गुणवत्ता के लिए
अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त किया जाता है, ताकि समय समय पर उस कार्य का निरीक्षण करके
अच्छा और गुणवत्ता पूर्ण रूप से सम्पादित कर सके, जिससे भ्रष्टाचार की रोकथाम की जा सके।
सूत्रों की माने तो जनपद पंचायत मण्डला में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी और इंजीनियर
सांठगांठ से बने कार्य पर ज्यादा विश्वास रखती है। जिसका नतीजा ग्राम पंचायत
सेमरखापा में हुये निर्माण कार्य की गुणवत्ता सामने आ रही है। साथ ही पंचायतों में
अनुपयोगी शौचालय निर्माण में लगे फर्जी बिल की भरमार भ्रष्ट होने का सबसे बड़ा
सबूत है। शिकायतकर्ताओं ने साक्ष्य के साथ ग्राम पंचायत सेमरखापा में हुए
फर्जीवाड़े को उजागर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत होने के बाद जॉच दल
जॉच करने पहुंचा और कब तक ग्राम पंचायत सेमरखापा में हुये फर्जीवाड़े की जॉच चलेगी? ग्राम पंचायत
सेमरखापा में शौचालय ठेका प्रथा से बनाये गये, लेकिन सवाल ये उठता है कि जिसने बनाये उसको
भुगतान न कर किसी अन्य फर्म में भुगतान किया गया जो कागजों पर चल रही है। फिर भी
ऐसे भ्रष्टाचारियों को आखिर बचाने में जनपद पंचायत मण्डला में पदस्थ अमला क्यों
लगा है?
ग्रामीणों की मांग दोषियों पर हो कठोर
कार्यवाही
जनपद पंचायत मण्डला के अंतर्गत ग्राम पंचायत
सेमरखापा में जो भ्रष्टाचार किया गया है उसमें जनपद पंचायत मण्डला के अधिकारियों
और कर्मचारियों की मिलीभगत लग रही है। जिला मुख्यालय से नजदीक होने के बाद इस
ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़ा हो गया। जबकि यहां हुये भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं
है, इन मामले में
अधिकारियों की चुप्पी कई प्रश्न चिन्ह खड़े कर रही है। सरपंच, उपसरपंच, सचिव एवं
सहायक रोजगार, उपयंत्री की बेफिक्री का आलम यह है कि बगैर काम किए ही लाखों
रुपए फर्जी तरीके से आहरित किए गये हैं। ग्राम पंचायत में फर्जी फर्मों के नाम से
बिल लगाकर सरकारी राशि का गोलमाल किया गया है। अधिकांश मामलों की जानकारी
अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना भ्रष्टाचार को एक गोरखधंधे का
रूप बढ़ावा दे रहा है। साथ ही पंचायत के लगभग कार्य ठेकेदारों द्वारा ही किया गया
है। जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में होने के बाद भी ठेकेदारी प्रथा पर रोक
लगाने के बजाय अधिकारी खुद ठेकेदारों से अपना जुगाड़ बना कर अपनी जेबें गरम की है, ग्राम पंचायत
सेमरखापा में महिला सरपंच होने का फायदा कथित लोगों द्वारा उठाया गया है। मामला
सुर्ख़यिों व शिकायत में आने के बाद जब जांच जिला स्तरीय टीम गठित कर कराये तो, सरपंच, सचिव सहित
उपयंत्री नप सकते हैं।
ऐसे व्यक्ति के नाम हो गया भुगतान है जो
कंगाल
कागजों में जिन कार्यों के निर्माण के लिए मटेरियल
क्रय कर संबंधित को भुगतान किया गया है उन मटेरियल्स एवं निर्माण कार्यों कार्यों
का वास्तविकता का पता ही नहीं है और संबंधित को भुगतान कर दिया गया है, वहीं ऐंसे
लोगों को ठेकेदारों के चोला पहनाकर उनसे फर्जी बिल लेकर भुगतान किया गया है जो ना
कभी ठेकेदारी किये हैं ना ही उनके पास कोई फर्म है। ग्राम पंचायत सेमरखापा में
निर्माण कार्यों के लिए मटेरियल एवं निर्माण कार्य करने को नवीन पटेल के नाम से
लाखों रुपए भुगतान कर दिया गया है जबकि नवीन पटेल के पास फर्म और ठेकेदारी तो दूर
मोटर साइकिल तक नहीं है। नवीन पटेल का उपसरपंच के साथ करीबी सम्बन्ध है, वही ग्राम
पंचायत में जिम्मेदार कर्मचारी और प्रतिनिधियों के एकजुट होकर फर्जी कार्यों को
दर्शाकर एक मामले का खुलासा हुआ है कि फर्जीवाड़ा कर यहां तक अपनी हद पार कर दिया
गया कि अन्य ग्राम पंचायतो के निर्माण कार्यों की फोटो संलंग्न कर फर्जी बिल-बाउचर
बनाकर सचिव के द्वारा अपने स्वयं के खाते में भुगतान जमा करने का फर्जीवाड़ा का
मामला सामने आया है।
इनका कहना
ग्राम पंचायत सेमरखापा में पदस्थ हुए लगभग पांच वर्ष
हुए हैं साथ ही ग्राम पंचायत में जो भी बिल लगाये जाते हैं उसमें सहायक रोजगार की
भूमिका रहती है। मेरा दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है बिलों से।
धर्मराज बैरागी, सचिव
ग्राम पंचायत सेमरखापा
ग्राम पंचायत सेमरखापा में जो भी बिल लगाये गये हैं
जिनमें सचिव, सरपंच एवं उपसरपंच की सहमती रहती है। मैं अपने मन से कोई भी बिल
नहीं लगाया हूॅ और न ही किसी का भुगतान किया हूॅ।
अजीत पटेल, सहायक रोजगार
ग्राम पंचायत सेमरखापा
ग्राम पंचायत सेमरखापा का मामला संज्ञान में आया था
जॉच दल बनाया है। जॉच दल में पंचायत इंस्पेक्टर, उपयंत्री एवं शिकायतकर्ता को शामिल कर जॉच
करने कहा है, लेकिन जॉच प्रतिवेदन अभी आया नहीं है।
शैलेन्द्र शर्मा, सीईओ
जनपद पंचायत मण्डला
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