हितग्राही का आरोप ब्रांच मैनेजर और एजेंट एवं कोटेशन देने
वाली फर्म ने किया है सब्सिडी घोटाला
मामला मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का
आदिवासी बाहुल्य जिले में विभिन्न बैंकों ने अपने ऐसे एजेंट छोड़ रखे हैं जो
घर बैठे लोन देने का प्रलोभन देने की बात कह कर दस्तावेजों में हस्ताक्षर करा तो
लेते हैं उसके बाद हितग्राही से कहते हैं कि 30 प्रतिशत कमीशन दोगे तो आपका
लोन स्वीकृत हो जायेगा। जब हितग्राही कमीशन देने से मना कर देता है तो उसके
दस्तावेज वापस नहीं करते, बल्कि उस दस्तावेज को बैंक
मैनेजर से सांठगांठ कर लोन स्वीकृत करा लिया जाता है और लोन की राशि जमा कर दी
जाती है, वहीं सब्सिडी की राशि हड़प ली जाती हंै। ऐसा ही कुछ मण्डला
सहित आस-पास के क्षेत्रों में निवासरत हितग्राहियों के साथ छल किया गया है। जिसकी
शिकायत सिटी कोतवाली में पहुंची है जिसकी जॉच जारी है। विगत दो साल से अधिक समय
बीत गया, लेकिन पीडि़त के द्वारा की गई शिकायत का निराकरण अब तक नहीं
हुआ है, जबकि पुलिस अधीक्षक से लेकर सीएम हेल्पलाईन तक शिकायत पहुंच
चुकी फिर भी जॉच पूरी अब तक नहीं हो पाई और न ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही
हुई।
एसबीआई पड़ाव शाखा से हुआ सब्सिडी घोटाला
हितग्राही राकेश नीखर निवासी लालीपुर और भागचंद यादव निवासी स्वामी सीताराम
वार्ड ने बताया कि वर्ष 2016 में बैंक के अनाधिकृत एजेंटों ने घर बैठे लोन देने की बात
कह कर हम लोगों को ठगा है। हितग्राहियों ने बताया कि एजेंट ने अनेकों से इसी तरह
का प्रलोभन देकर उनसे दस्तावेज हासिल किये और उसे बैंक में प्रस्तुत कर 5 लाख या 7 लाख राशि का लोन स्वीकृत
करा लिया। लोन की राशि कोटेशन देने वाले के खाते में पहुंची, लेकिन कोटेशन देने वाले ने
हितग्राहियों को नहीं बताया और उस राशि को हड़प कर लिया और उसकी सब्सिडी हड़प कर
लोन की राशि बैंक में जमा कर खाता बंद करा दिया गया। ऐसे सैंकड़ों हितग्राही हैं
जिनके साथ इस तरह छल किया गया है। जबकि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत
बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए 5 से 7 लाख की सहायता राशि का
प्रावधान बनाया गया। इस योजना में ब्रांच मैनेजर से लेकर एजेंट एवं कोटेशनधारी
करोड़पति बन गये, वहीं हितग्राही सड़क पर आ गया और न्याय के लिए गुहार लगा
रहा है।
इनका कहना
एसबीआई शाखा पड़ाव से मेरे नाम से लोन स्वीकृत कराया गया, लेकिन मुझे इसकी जानकारी 2 महिने बाद लगी और ब्रांच
जाकर पता किया तो पता चला कि मेरे नाम से लोन स्वीकृत हो गया और लोन की राशि जमा
भी करा दी गई, लेकिन सब्सिडी की राशि ब्रांच मैनेजर, एजेंट एवं कोटेशन देने वाले
लोगों ने हड़प ली है। इनके विरूद्ध मेरे द्वारा शिकायत पुलिस अधीक्षक एवं सीएम
हेल्पलाईन में की है।
शिकायत किये दो वर्ष से अधिक समय बीत गया, लेकिन अब तक जॉच नहीं हुई।
पीडि़त ने कहा कि मनीष कुशरे के कार्यकाल में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत
कितने प्रकरण स्वीकृत हुये और कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिला है।
हितग्राहियों की सूची बैंक से लेकर जॉच करेंगे तो दोषी अपने आप सामने आ जायेंगे।
राकेश नीखर, पीडि़त
निवासी लालीपुर मण्डला
सिटी कोतवाली से
एक पत्र आया हुआ है उन्होंने जो दस्तावेज मांगे हैं उसे तैयार कर दिये जायेंगे जॉच
में पुलिस की सहायता की जायेगी।
प्रणव शुक्ला, शाखा प्रबंधक
एसबीआई पड़ाव मण्डला
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इधर हितग्राही
के खाते से सब्सिडी गायब और सामग्री भी नहीं मिली
खादी
ग्रामोउद्योग से रोजगार के लिए लोन स्वीकृत कराने रमेश मरकाम पिता हरेसिंह मरकाम
उम्र 31
ने आवेदन किया
जिसका प्रकरण सेंट्रल बैंक पहुंचा और लोन स्वीकृत भी हो गया, लेकिन हितग्राही को न तो सामग्री मिली और
खाते में पहुंची सब्सिडी की राशि भी गायब हो गई। हितग्राही रमेश मरकाम ने बताया कि
शिव इंटर प्राईजेस से कोटेशन लिया था और खादी ग्रामोउद्योग में आवेदन के साथ
संलग्र कर जमा किया था जिसके तहत मुझे 5 लाख का लोन स्वीकृत हुआ। यह लोन बिछिया तहसील में स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ
इंडिया से मिला है,
लेकिन कोटेशन
देने वाले के खाते में 3
लाख 50 हजार रूपये की राशि बैंक ने पहुंचा दी और
संबंधित फर्म ने मुझे अब तक सेंटिंग की सामग्री नहीं दी। पीडि़त ने बताया कि काफी
समय बीत गया और मेरी किस्ते चालू हो गई हैं अब तक 5 से 6
किस्तें जमा कर
चुका हूॅ,
लेकिन मुझे संबंधित
फर्म ने अब तक कोई सामग्री प्रदान नहीं की है।
शिकायत करने पर
मिलती है मानहानी की धमकी
पीडि़त रमेश
मरकाम जब सामग्री एवं सब्सिडी की राशि के संबंध में बात करते हैं तो ठगी करने वाले
मानहानी की धमकी देते हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा
बिछिया के मैनेजर नरेन्द्र राय एवं सहायक मेनेजर हिमांशू अग्रवाल और शिव इंटर
प्राईजेस के द्वारा लोन की पूरी राशि 3 लाख 50
हजार रूपये हड़प
ली गई है। वर्ष 2019
में 3 लाख 50 हजार रुपये सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा बिछिया से सेंटिंग कार्य के लिए
स्वीकृत हुआ था,
तात्कालिन बैंक
मैनेजर नरेन्द्र राय एवं सहायक मेनेजर हिमांशू अग्रवाल के द्वारा कागजों में
दस्तखत करा के शिव इंटर प्राईजेस के शिवकुमार के साथ मिलकर 3 लाख 50 हजार रुपये हड़प लिये है। मुझे किसी भी प्रकार का कोई समान नहीं दिलवाया गया
है केवल दस्तखत लिया गया है। बैंक मैनेजर नरेन्द्र राय से फोन करने पर मान हानी
करने की धमकी दी जाती है। पीडि़त मांसिक रूप से परेशान है। पीडि़त ने कहा कि यदि
मुझे व मेरे परिवार के द्वारा कोई घटना इस लोन के बात को लेकर हो जाती है तो इसके
जिम्मेदार ये तीनों लोग होंगे।
इनका कहना
लोन स्वीकृत हुआ, लेकिन संबंधित फर्म ने सेंटिंग की सामग्री
नहीं दी। साथ ही मेरे खाते में सब्सिडी की राशि ढेड़ लाख आई थी वो भी गायब हो गये।
रमेश मरकाम, पीडि़त
तहसील बिछिया
रमेश मरकाम ने
मेरे खिलाफ बिछिया थाने में शिकायत की है जहां से मेरे पास फोन आया है बयान देने
के लिए जबकि हमने उसको सामग्री दे दी है उसके बाद भी झूठे आरोप लगाकर शिकायत कर
रहा है।
शिव कुमार उईके, मांद
शिव इंटर प्राईजेस फर्म
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