मण्डला - जिला मजिस्ट्रेट हर्षिका सिंह ने म०प्र० शासन
गृह विभाग मंत्रालय भोपाल के 1 सितम्बर 2021 को जारी निर्देशों के अनुक्रम में एवं जिला
क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार जिले में कोविड-19 संक्रमण की दर
में कमी को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना कर्फ्यू के प्रतिबंधों के संबंध में कलेक्टर
कार्यालय द्वारा पूर्व में जारी आदेश दिनांक 15.07.2021 को यथावत रखते हुए धार्मिक कार्यक्रम एवं
त्यौहारों के दृष्टिगत दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए
अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं जो अग्रिम आदेश पर्यंत तत्काल प्रभाव से
प्रभावशील होंगे।
जारी निर्देशों के तहत् प्रतिमा व ताजिये (चेहल्लुम) के लिये पण्डाल का आकार
अधिकतम 30-45 फिट नियत किया
गया है। झांकी निर्माताओं को आवश्यक रूप से यह सलाह दी गई है कि वे ऐसी झांकियों
की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं करें, जिनमें संकुचित जगह के कारण श्रद्धालुओं व
दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न हो सके। झांकी स्थल
पर श्रद्धालुओं व दर्शकों की भीड़ एकत्र नहीं हो तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, इसकी व्यवस्था
आयोजकों को सुनिश्चित करना होगी। मूर्ति व ताजिये (चेहल्लुम) का विसर्जन संबंधित
आयोजक समिति द्वारा किया जायेगा। विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिये अधिकतम 10 व्यक्तियों के
समूह की अनुमति होगी। इसके लिये आयोजकों को पृथक से संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय
दण्डाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। अनुविभागीय
दण्डाधिकारी द्वारा विसर्जन के लिये अधिक से अधिक उपयुक्त स्थानों का चयन किया
जाये ताकि विसर्जन स्थल पर कम भीड़ हो। विसर्जन की विकेन्द्रीकृत व्यवस्था अपनायी
जाये।
कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक व सामाजिक आयोजन के लिये चल
समारोह निकालने की अनुमति नही होगी। विसर्जन के लिये सामूहिक चल समारोह भी अनुमत्य
नही होगा। लाउडस्पीकर बजाने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई
गाईड लाईन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड संक्रमण
के बचाव के तारतम्य में झांकियों, पण्डालों, विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु व दर्शक फेस
कव्हर तथा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये
निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे। आदेश के उल्लंघन पर भारतीय दण्ड
संहिता 1860 की धारा 188 व अन्य
प्रासंगिक धाराओं तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत आवश्यक वैधानिक कार्यवाही
की जायेगी।
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