मण्डला - प्रदेश में कोरोना की भयावह स्तिथि और प्रदेश सरकार की आंकड़ों की हेराफेरी ने लाखों मासूम नागरिकों की जान ले ली है। स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक नहीं कर पाने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी को छुपाने के लिए कोरोना मरीजों के आंकड़ों में भारी हेराफेरी की गई साथ ही कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों में जानबूझकर मौतें छुपाने का काम किया गया है। यह आरोप लगाया है जिले के कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों ने। सोमवार को जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एड राकेश तिवारी, बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा व निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले के नेतृत्व में कांग्रेस जनों ने पुलिस अधीक्षक व कोतवाली टीआई को आवेदन देकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी सहित प्रदेश व जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध धारा 304, 420, 406, 467, 468, 124ए, 124(2) के साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54 एवं अन्य आपराधिक विधि की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर कानूनी कार्यवाही कर सजा दिलाने की मांग की गई है। कोरोना महामारी के चलते म.प्र. का शासकीय तंत्र पूर्व से समुचित अस्पंताल,बेड,आई.सी.यू., ऑक्सीसजन, आवश्यक दवाऐं, कोविड केयर सेंटर का समुचित व्यवस्थान करने में पूर्णत: विफल साबित हुआ है। जबकि प्रदेश चलाने की जिम्मेदारी के तहत प्रथम चरण की वेव के बाद सभी आवश्यक व्यवस्थाऐं पूर्व से म.प्र. शासन को व्यापक रूप से करनी चाहिए थी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, संबंधित विभाग के मंत्री एवं जिलों के प्रभारी मंत्रियों तथा मंत्रालय एवं जिलों में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारीयों द्वारा ना तो भविष्य में आने वाली द्वितीय चरण में महामारी फैलने का कोई आंकलन किया और ना ही कोई व्यवस्थाऐं कीं, जबकी देशभर में वैज्ञानिक, डॉक्टर्स एवं विशेषज्ञों की संस्थाऐं इस ओर इशारा कर रही थीं कि द्वितीय चरण में कोरोना महीमारी पूर्व से ज्यादा भयावह और ज्यादा लोगों को संक्रमित करेगी। इस बद इंतजामी का नतीजा यह हुआ कि गांव से लेकर बडे शहरों तक अस्पतालों में बेड, आई.सी.यू. बेड, ऑक्सीजन, आवश्यक जीवनरक्षक दवाईयों की भारी कमी हुई और इस अव्यवस्था के चलते कई कोरोना पीडितों को समय पर ऑक्सीजन एवं आवश्यक दवाऐं ना मिल पाने के कारण जान गंवानी पड़ी। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश के जिम्मेदार मंत्रियों, अधिकारियों एवं जिले में पदस्थ जिम्मे्दार अधिकारियों की है। यदि किसी निजि इंडस्ट्री, संगठन में ऐसी अव्यवस्था के चलते इतनी मौतें हो जाती हैं तो अभी तक कई एफ.आई.आर दर्ज कर कार्यवाही हो गई होती। उपरोक्त अव्यवस्थाओं को छुपाने के लिये अब एक और नई चाल चली जा रही है। कोरोना पीडितों का सही आंकडा छुपाया जा रहा है जबकि शमशान, मुक्तिधाम, कब्रिस्तानों में किये गये अंतिम क्रियाकलापों के लिये ले जाए गए शवों का आंकडा शासन द्वारा बताये जा रहे कोरोना पीडितों की मौतों से 10-10, 20-20 गुना अधिक है और यह सब सुनियोजित तरीके से षड़यंत्र पूर्वक प्रदेश की जनता को भ्रमित करने और उन्हें कोरोना प्रभावित मृत्यु के लिए मुआवजा ना देना पड़े की दृष्टि से कोरोना प्रभावित मृत्युओं के आंकड़ों में जानबूझकर हेरा-फेरी कर कम दर्शाने का कार्य किया जा रहा है। उपरोक्तत व्यक्तियों के उपरोक्त वर्णित कृत्य देश द्रोह की श्रेणी में आते हैं जो कि देश की जनता के साथ धोखा कर अपने संवैधानिक कृत्यों का पालन ना कर भ्रम फैलाने तथा गैरइरादतन हत्या् करने का अपराध की श्रेणी में आते हैं। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, जिले की प्रभारी मंत्री सहित प्रदेश व जिले के अधिकारियों के विरुद्ध उपरोक्त धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोरतम कार्यवाही की जाए। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष एड राकेश तिवारी, बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले, गुलाब उइके, जनपद उपाध्यक्ष अभिनव चौरसिया, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष सैयद मंजूर अली, अरविंद कुशराम, हिमांशु हनी बर्वे, कोविद ठाकुर, रजनीश रंजन उसराठे, कुलदीप कछवाहा, विनय वरदानी, दीपांशु मिश्रा सहित अन्य कांग्रेस जन मौजूद रहे।
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