मण्डला - राष्ट्रीय
स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की अनिश्चितकालीन हडताल मंगलवार को
दूसरे दिन भी जारी रही। अपनी दो सूत्रीय मांगो को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 24 मई से हडताल पर
चले गये है। दूसरे दिन कर्मचारियो ने ताली बजाकर विगत वर्ष मिले हुए सम्मान को
वापस करते हुए दोनो मांगो को पूरा कराने के लिए एकजुटता दिखाई। इस दौरान कोविड
गाइडलाइन का पालन करते हुए ताली बजाकर विरोध दर्ज कराया गया। बताया गया कि
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की मांग है कि नियमित
कर्मचारियो के मुकाबले 90 फीसदी वेतन दिया जाये। जिससे स्वयं व परिवार के
भरण पोषण में मदद मिल सके। बहुत कम मानदेय में कर्मचारी नियमित कर्मचारियो के समान
कार्य कर रहे है। संगठन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि 5 जून 2018 को राज्य शासन द्वारा संविदा के लिए लागू नीति
को अधिकांश विभागो में लागू कर दिया गया है लेकिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की
लगातार उपेक्षा की जा रही है। इसके साथ निष्कासित व आउटसोर्स किये गये कर्मियो को
एनएचएम में वापस लिये जाने की मांग है। लंबे इंतजार के बावजूद मांग नहीं माने जाने
से अब प्रदेश के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन
हडताल पर चले गये है।
हडताल का व्यापक असर-संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की हडताल का जिले में व्यापक
असर दिखाई दे रहा है। करीब 350 से अधिक संविदा कर्मचारी हडताल पर है। जिससे
किल कोरोना, कोविड सेम्पलिंग, नियमित टीकाकरण, कोविड टीकाकरण, ब्लाक से जिला स्तर तक रिपोर्टिंग केे कार्य
प्रभावित हो गये है। जिन सब सेंटर में सिर्फ संविदा एएनएम है उनमें सभी कार्यक्रम
प्रभावित हो गये है। चिकित्सको के हडताल पर जाने से ओपीडी, कोविड आरआरटी, कोविड एमएमयू
टीम काम नहीं कर रही है। ब्लाक स्तर से रिपोर्टिंग का कार्य बुरी तरह से प्रभावित
हो गया है। कर्मचारियो की मांग है कि तीन साल पूर्व लागू की गई नीति को
क्रियान्वित करते हुए संविदा कर्मियो को लाभ दिया जाये। आज 26 मई को कर्मचारी
विरोध करते हुए मास्क, सेनेटाइजर, खा़द्य सामग्री मांग पत्र के साथ आमजन और मरीजो
को वितरित करेंगे।
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