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Friday, December 4, 2020

कृषि के क्षेत्र में हैं रोजगार की अपार संभावनाएं


मंडला- कृषि विज्ञान केन्द्र मण्डला के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. विशाल मेश्राम के मार्ग दर्शन में केन्द्र के वैज्ञानिक डा. आर. पी. अहिरवार एवं कार्यक्रम सहायक कु. केतकी धूमकेती द्वारा कृषि शिक्षा दिवस के अवसर पर शासकीय उत्कृष्ठ हायर सेकेण्डरी स्कूल मण्डला में कृषि शिक्षा एवं कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम किया गया। जिसमें शासकीय उत्कृष्ठ हायर सेकेण्डरी स्कूल मण्डला की प्राचार्य श्रीमति कल्पना नामदेव एवं नीमू मुस्ताजर, अपराजिता पाठक, राजेश क्षत्री, डी. के. चैरसिया प्रधान पाठक का कार्यक्रम को सफल बनाने मे सहयोग रहा तथा ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव ले रही छात्रायें आयूसी एवं अपूर्वी गुप्ता ने भी अपने अनुभव साझा किये। । कृषि वैज्ञानिक डा. आर. पी. अहिरवार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। हमारा देश कृषि प्रधान है। कृषि आधारित उद्योग और व्यापार देश ही नहीं विदेशों तक फैला है। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र में व्यापार की अपार संभावना है। आमतौर पर आज का युवा हर क्षेत्र में अपने भविष्य को बनाने में सक्षम हैं जिसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी की संभावनाओं को टटोलता रहता हैं। जहां देश-विदेश में औधोगिकी और टेक्नोलॉजी ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास के बडे आयाम स्थापित किये हैं वहीं कृषि का क्षेत्र भी नई उपलब्धियों को हासिल कर रहा हैं। आज कृषि का विकास बहुत तेजी से हो रहा हैं जिसकी बदौलत इसमें रोजगार के नये अवसर पनपने लगे हैं। खेती-बाडी करने वाले किसान जहां कल तक दयनीय जीवन बसर कर रहें थें वहां आज इनका जीवन स्तर ऊपर उठने लगा हैं जिसका मुख्य कारण कहीं ना कहीं खेती में पनप रहें रोजगार के अवसरों को माना जा सकता हैं। देश में कृषि शिक्षा अनुसंधान एवं रोजगार को सशक्त करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर नई दिल्ली अंतर्गत विभिन्न केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय एवं राज्य स्तरीय  कृषि विश्वविद्यालय एवं विभिन्न अनुसंधान केन्द्र देश के सभी राज्यों में संचालित है । इन  विश्वविद्यालयों में अब कॉलेजों में विभिन्न कोर्स कोर्सेज संचालित है।

                                      

कृषि क्षेत्र में रोजगार के व्यापक अवसर मौजूद हैं। जरूरत है यहां के युवाओं को कृषि से संबंधित हर तरह की जानकारी हासिल करने की या इससे सबंधित संस्थान की जहां से वह डिग्री हासिल कर किसी अच्छे संस्थान में नौकरी कर सकें। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यल जबलपुर, राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय  ग्वालियर एवं ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट, में प्रवेश पाने के लिये 12 कक्षा के बाद प्रीएग्रीकल्चर टेस्ट के माध्यम से मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश मिलता है जिससे छात्र छात्राये चार वर्षीय कोर्स बी. एससी. (कृषि), बी एस सी (उद्यानिकी), बी एस सी (वािनकी), बी टेक (कृषि इंजीनियर) एवं दो वर्षीय स्नात्कोत्तर (एग्रोनोमी, मृदा विज्ञान, कीट विज्ञान, पौध रोग विज्ञान, कृषि विस्तार, कृषि अर्थसास्त्र, पादप कार्यकी, बीज प्रौद्योगिकी, पादप प्रजनन एवं अनुवांसिकी, जैव प्रौद्योगिकी) इत्यादि विषय पर उपाधी प्राप्त कर सकते है साथ ही साथ तीन वर्षीय कोर्स डा. आफ फिलोस्पी की भी उपाधी प्राप्त कर सकते है। कृषि के उपरांत छात्र छात्रायें राज्य स्तीरीय राज्यकीय एवं केन्द्रीय सरकार की नौकरी प्राप्त कर सकते है प्रदेश के कृषि विभाग में ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, सहायक संचालक कृषि एवं  उपसंचालक कृषि तथा उद्यानिकी विभाग में ग्रमाीण उद्यान विस्तार अधिकारी, उद्यान विकास अधिकारी, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, सहायक संचालक उद्यानिकी इत्यादि साथ ही साथ मण्डी बोर्ड, मध्य प्रदेश वेयर हाउस, बीज निगम एवं प्रमाणी करण, बैंक सेक्टर में असिस्टेंट फील्ड आफिसर, एग्रीकल्चर आफिसर, जूनियर एग्रीकल्चर इत्यादि नौकरिया प्राप्त कर सकते है। साथ ही साथ फूड कार्पोरेसर आॅफ इंडिया, इफ्को, एफ एन एल, नाबार्ड, सिल्क बोर्ड, टी बोर्ड, डी डी ए, किसान काल सेंटर, इत्यादि संस्थाओं में रोजगार प्राप्त कर सकते है। कंपनी सिजेंटा, मोन्सेंटो, डाउ एग्रोसाइंस, जैन इरिगेश सिस्टम, गोदरेज एग्रोवेट, नाथ सीड्स, बेयरक्रॉप साइंसेस, एबीटी इंडस्ट्रीज, टाटा एग्रो, रिलायंस इफको, सरकारी उपक्रमों में भारतीय कृषि अनुसंधान, राज्य कृषि विभाग, बैंकिंग क्षेत्र, आई सी आर आई एस ए टी, कृषि प्रबंध, सेवा क्षेत्र में केंद्र, राज्य तथा जिला स्तरों पर ऐसी सरकारी एजेंसियां हैं जो कृषि कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं। इसके अलावा निगम में कृषि वैज्ञानिकों को कार्य का अवसर प्रदान किया जाता है। उनमें राष्ट्रीय बीज निगम, राज्य फार्म निगम, भंडार निगम और खाद्य निगम शामिल है। बागवानी का प्रशिक्षण लेकर नर्सरी प्रबंधन, बडिंग ग्राफ्टिंग, विभिन्न पौधों की रोप तैयार करने की विधि और फल फूल उत्पादन की जानकारी प्राप्त कर आप अपनी नर्सरी शुरू कर स्वरोजगार अर्जित कर सकते हैं और अन्य को भी आप रोजगार दे सकते हैं। नर्सरी प्रशिक्षण कृषि महाविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों और कृषि विभाग के माध्यम से लिया जा सकता है। इसमें डिप्लोमा अर्जित किया जा सकता है। मशरूम उत्पादन की तकनीकी कृषि विज्ञान केंद्र प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रशिक्षण में ढिंगरी और बटन मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे यह लाभ हो सकता है कि इसे बेच कर अच्छा आर्थिक पूंजी कमाई जा सकती है क्योंकि इसकी शहरों और विभिन्न होटलों में बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है। 

                

कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक डा. आर. पी. अहिरवार एवं कार्यक्रम सहायक कु. केतकी धूमकेती एवं प्राचार्य श्रीमति कल्पना नामदेव एवं नीमू मुस्ताजर, अपराजिता पाठक, राजेश क्षत्री, डी. के. चैरसिया प्रधान पाठक तथा ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव ले रही छात्रायें आयूसी एवं अपूर्वी गुप्ता ने भी अपने अनुभव सेयर किये। साथ ही विद्यालय के छात्र छात्राये उपस्थित रहे और कृषि शिक्षा दिवस पर निबंध प्रतियोगिता एवं रंगोली प्रतियोगिता जो कि कृषि में रोजगार के अवसर पर आयोजित की गई जिसमें छात्र छात्राओं ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। जिनकों कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।

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