मण्डला - छत्तीसगढ़
से आये हुए दो जंगली हाथियों के मध्यप्रदेश में लगातार विचरण के पश्चात् गत् माह 27 नवम्बर को जबलपुर जिले में विद्युत
करंट से एक हाथी की मृत्यु हो जाने के पश्चात् दूसरे जंगली हाथी की सुरक्षा एवं
जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे पकड़े जाने के निर्देश प्रधान मुख्य
वन संरक्षक (वन्यप्राणी), मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा दिये गये। दूसरा जंगली हाथी जबलपुर से
मंडला जिले के वनक्षेत्र से गुजरते हुए 3 दिसम्बर, को कान्हा टायगर रिजर्व के बफर जोन वनमंडल के
अंतर्गत सिझौरा परिक्षेत्र के मोहगांव के पास से कोर जोन के अंतर्गत सरही
परिक्षेत्र में प्रवेश किया। कान्हा टायगर रिजर्व तथा रेस्क्यू दल के अन्य सदस्यों
के साथ लगातार सर्वेक्षण में लगे रहे। और 4 दिसम्बर को हाथी
की उपस्थिती कान्हा परिक्षेत्र के परसाटोला वनक्षेत्र में पायी गयी। इस पर लगातार वन
अमला द्वारा निगरानी रखी जा रही थी परंतु प्रत्यक्ष दर्शन न होने से इसको पकड़ने की
कार्यवाही नहीं हो पा रही थी। आज पुनः
उसी क्षेत्र में हाथी के पगमार्क पाये जाने पर 6 विभागीय हाथियों की सहायता से वनक्षेत्र में
खोजबीन की गयी। और 11 बजे
जंगली हाथी की उपस्थिति प्रत्यक्ष रूप से परसाटोला के वनक्षेत्र में सुनिश्चित
होने के बाद वन अमला द्वारा इसको पकड़ने की कार्यवाही आरंभ की गयी। लगभग 03.30 बजे आखिर
जंगली हाथी को पकड़ लिया गया। वन्यप्राणी चिकित्सक की उपस्थिति में हाथी को पकड़े
गये स्थान पर ही लोहे की बेड़ियो से बांध कर रखा गया है। बताया गया की 7 दिसम्बर को स्थिति का परीक्षण कर
हाथी को किसली परिक्षेत्र के हाथी केम्प किसली बाड़े में रखने की कार्यवाही वन
विभाग द्वारा की जाऐगी।
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