महिलाओं को
आत्मनिर्भर बनाने तथा दूरस्थ अंचलों में आवागमन सुलभ करने की पहल
मण्डला- आदिवासी महिलाओं को
आत्मनिर्भर बनाने तथा दूरस्थ अंचलों में आवागमन के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य
से कलेक्टर हर्षिका सिंह द्वारा ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों से
जुड़ी 10 महिलाओं को वाहन चालन का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। इस संबंध में प्राप्त
जानकारी के अनुसार जिले से 100 कि.मी. दूर छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगा हुआ
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मवई परिवहन की सुविधा की दृष्टि से जिले का सबसे पिछड़ा
क्षेत्र माना जाता है। कोरोना महामारी के दौरान जहां बसों का संचालन सीमित मात्रा
में हो रहा है और आम ग्रामीण समुदाय को आवागमन हेतु परिवहन साधनों का अभाव होने के
कारण से अधिकतर पैदल यात्रा करनी पड़ती है, बीमारी के समय चिकित्सालय तक पहुंचने में भी
असुविधा होती है।
ऐसे में जिले की कलेक्टर हर्षिका सिंह महिला सशक्तिकरण की एक नयी सोच पर सीईओ
जिला पंचायत तन्वी हुड्डा के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं को
आत्मनिर्भर बनाने एवं परिवहन सुविधाओं के विस्तार के उद्देश्य से चार पहिया वाहन
चलाने का प्रशिक्षण दिलाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। 15 दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत इन महिलाओं को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत
संचालित योजनाओं के माध्यम से वाहन ऋण दिलाया जाएगा। सिंह ड्राईविंग स्कूल के
माध्यम से चल रहे इस प्रशिक्षण कार्य की मॉनिटरिंग जिला परिवहन अधिकारी विमलेश
गुप्ता तथा जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामीण आजीविका परियोजना भगवान दास भैंसारे
द्वारा की जा रही है। इस प्रशिक्षण का आयोजन आजीविका मिशन एनआरएलएम मण्डला द्वारा
किया गया है। प्रशिक्षण का प्रारंभ मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मवई द्वारा
किया गया, जिसमें विकासखण्ड प्रबंधक राकेश जंघेला एवं प्रशिक्षु महिलायें उपस्थित रहीं।
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