
भोपाल- मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सिंचाई के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिले यह सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश
में जरूरत से अधिक बिजली उपलब्ध है, अत: बिजली आपूर्ति में कमी नहीं आनी चाहिये।
इसके लिए बिजली विभाग सिस्टम ठीक करे, व्यवस्थाएँ सुधारे। मेटेनेंस कार्य निरंतर जारी
रहें।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान आज मंत्रालय में बिजली विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक
में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव संजय दुबे, मनीष रस्तोगी, आकाश त्रिपाठी उपस्थित थे।
प्रदेश की विद्युत क्षमता
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स्त्रोत
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क्षमता (मेगावॉट में)
दिनांक 30.05.20 की स्थिति में
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राज्य - थर्मल
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5,400
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राज्य - हायडल
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917
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संयुक्त उपक्रम एवं अन्य हायडल
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2,515
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केन्द्रीय क्षेत्र
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5,005
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आईपीपी
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3,427
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नवकरणीय
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3,963
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कुल
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21,226
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राशि किसानों के खातों में
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि कृषि पंपों के लिए दिए जाने वाली बिजली संबंधी सहायता की
राशि सीधे किसानों के खातों में डाली जाएगी। अत: यह सुनिश्चित किया जाए कि लाभ
लेने वाला हर किसान बिजली का बिल भरे। बिजली की चोरी सख्ती से रोकी जाए।
आवश्यकता से अधिक बिजली उपलब्ध है
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हमारी आवश्यकता से अधिक बिजली उपलब्ध है। हमारी
क्षमता 21 हजार मेगावॉट की है, जबकि गत वर्ष एक दिन में अधिकतम बिजली 14 हजार 555 मेगावॉट खर्च हुई। इस वर्ष अधिकतम संभावित
आवश्यकता 16 हजार मेगावॉट होगी। मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त
बिजली को अन्य राज्यों को देने के निर्देश दिए।
लॉकडाउन के कारण कम हुई मांग
प्रमुख सचिव
श्री संजय दुबे ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बिजली की खपत में 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है। अच्छी बारिश के कारण भी
बिजली की मांग में कमी आई है।
मध्य क्षेत्र की स्थिति सुधारें
मुख्य सचिव
श्री इकबाल सिंह बैंस ने निर्देश दिए कि मध्य क्षेत्र में ट्रिपिंग बढ़ी है। वहां
की स्थिति सुधारी जाए, सर्वाधिक शिकायतें मध्य क्षेत्र से आ रही हैं।
एक घंटे में शिकायत निवारण
प्रमुख सचिव
श्री संजय दुबे ने बताया कि प्रदेश में बिजली की शिकायतों के त्वरित निवारण की
व्यवस्था की गई है। बिजली संबंधी शिकायतों का निराकरण एक घंटे में कर दिया जाता
है। साथ ही खराब ट्रांसफार्मर एक से 3 दिन में बदल दिए जाते हैं।