बुजुर्ग होते व्यक्ति की पीड़ा को दर्शाते हुए नट सम्राट पर भावुक हुए दर्शक मध्यप्रदेश नाट्य समारोह के द्वितीय दिवस हुआ नट सम्राट का मंचन - newswitnessindia

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Tuesday, February 4, 2020

बुजुर्ग होते व्यक्ति की पीड़ा को दर्शाते हुए नट सम्राट पर भावुक हुए दर्शक मध्यप्रदेश नाट्य समारोह के द्वितीय दिवस हुआ नट सम्राट का मंचन



मंडला- एक रंगकर्मी की कहानी को बयां करता नटसम्राट नाटक सीधे-सीधे उसके परिवार और फिर समाज से जुड़ते हुए उसके जीवन में आने वाली कठिनाइयों को बयां कर गया। नट सम्राट नाटक का मंचन मध्यप्रदेश नाट्य समारोह के द्वितीय दिवस किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. जगदीश चन्द्र जटिया, अपर कलेक्टर मीना मसराम, एसडीएम सुलेखा उईके सहित स्थानीय रंगकर्मी तथा बड़ी संख्या में दर्शकगण उपस्थित रहे। रानी अवंती बाई कन्या महाविद्यालय प्रांगण में नाट्य मंचन के दौरान मौजूदा सामाजिक व आर्थिक ताने बाने में बुजुर्ग होते व्यक्ति की पीड़ा को दर्शाते हुए नट सम्राट नाटक के माध्यम से बतलाया गया कि व्यक्ति अंत में किस तरह अकेला पड़ जाता है और महान नगरीय संस्कृति में उसे वृद्धावस्था में किस तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परिवार में व्यक्ति की महत्ता तब तक ही रहती है जब तक वह कमाता है। जब जीवन में उसे परिवार की सदस्यों की जरूरत महसूस होती है। तब वे उससे दूर जाना चाहते हैं। एक रंग भोपाल द्वारा प्रस्तुत लोकप्रिय नाटक नट सम्राट की प्रस्तुति में कलाकारों ने एक रंगकर्मी के मानसिक, पारीवारिक और सामाजिक द्वंद को बखूबी व्यक्त किया है। मुख्य पात्र की खुशी में दर्शक खुश हुए तो उसके गम में दर्शकों की आंखे नम हो गई।


गहरे तक भेद गया हर संवाद
मुख्य पात्र गणपतराव वेलवलकर के किरदार में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के गोल्ड मेडलिस्ट स्नातक व मप्र नाट्य विद्यालय के निदेशक आलोक चटर्जी ने अभिनय से दर्शकों के मन को झिंझोड़ दिया। उन्हें भी जीवन के अंतिम पड़ाव में अपनी स्थिति की चिंता सताने लगी। चाहे पत्नी से पूछकर अपने बच्चों के बीच संपत्ति के बंटवारे की बात हो या फिर चोरी के आरोप में घर छोड़कर जाने की बात, हर संवाद की अदायगी ने दर्शकों के मन को गहरे तक भेदा।

कलाकारों ने अभिनय से जीवंत की एक पात्र
                                नाटक का निर्देशन सिने जगत के प्रतिष्ठित कला निर्देशक व वरिष्ठ रंगकर्मी जयंत देशमुख ने किया। नाटक के हर पात्र में कलाकारों ने अपनी जान डाल दी। मंचन के दौरान आलोक चटर्जी, दीपशिखा सोनी, हरीश वर्मा, ज्योति दुबे, संदीप पाटिल, आशी मालवीय, तपस्या, आशीष ओझा, प्रियेश पाल आदि ने अपने-अपने पात्रों का जीवंत अभिनय किया।

5 फरवरी को होगा दीपदान का मंचन
मध्यप्रदेश नाट्य समारोह के अंतिम दिवस 5 फरवरी को रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित दीपदान नाटक का मंचन कला समूह ग्वालियर के कलाकारों द्वारा किया जायेगा।