मण्डला- अटल बिहारी वाजपेयी बाल
आरोग्य एवं पोषण मिशन के अंतर्गत अति गंभीर कुपोषित बच्चों के समुदाय आधारित
प्रबंधन के संबंध में जिला योजना भवन में जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का
आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ. जगदीश चन्द्र जटिया ने
कहा कि कुपोषण एक ऐसी समस्या है जिस पर नियंत्रण पाने के लिए सम्मिलित प्रयासों की
आवश्यकता है। मैदानी अमले को चाहिए कि वह अपनी क्षमता का बेहतर उपयोग करते हुए
कुपोषण के उन्मूलन में सहभागी बनें। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्वेता
जाधव, जिला टीकाकरण
अधिकारी डॉ. झारिया सहित महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर तथा
क्लिंटन फाऊंडेशन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण की
शुरूआत गर्भावस्था से ही हो जाती है इसलिए गर्भवती महिलाओं के आहार और टीकाकरण पर
विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण उन्मूलन के लिए शासन द्वारा
पर्याप्त प्रयास किए जा रहे हैं, आवश्यकता है इन प्रयासों को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने की। कलेक्टर ने
कहा कि कुपोषित बच्चों का लगातार फॉलोअप सुनिश्चित किया जाए और आवश्यकतानुसार
उन्हें एनआरसी में भर्ती कराया जाये। कार्यशाला के प्रारंभ में जिला कार्यक्रम
अधिकारी श्वेता जाधव ने कार्यशाला के उद्देश्य तथा कुपोषण पर नियंत्रण पाने के
संबंध में विस्तार से जानकारी दी। पावरप्वाईंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से
प्रतिभागियों की अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई तथा उनकी शंकाओं का
समाधान किया गया। परियोजना स्थल पर 10 फरवरी के पूर्व कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा जिसमें
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और संबंधित एएनएम सहभागिता करेंगे।
जन्म मृत्यु का शतप्रतिशत पंजीयन करायें
कार्यशाला में जिला योजना अधिकारी सी.डी. चौरे ने
महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया कि
उनके कार्यक्षेत्र में होने वाले जन्म एवं मृत्यु का शतप्रतिशत ऑनलाईन पंजीयन
करायें। इसी प्रकार जन्म मृत्यु के प्रमाण पत्रों का भी शतप्रतिशत वितरण किया
जाये।