मण्डला- जिला पर्यटन संवर्धन परिषद मंडला और रजा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में नर्मदा जयंती 2020 का आयोजन स्थानीय सहस्र धारा के पचमठा परिसर में किया जा रहा है। तीन दिवसीय भारतीय शास्त्रीय एवं लोकनृत्य संध्या की शुरुआत कलेक्टर डॉ. जगदीश चन्द्र जटिया द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला, अपर कलेक्टर मीना मसराम तथा बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।
भारतीय शास्त्रीय एवं लोकनृत्य संध्या में देविका राजारामन ने नृत्य का आरंभ एक मल्लारी से किया जिसका अर्थ है किसी भी पूजा या आराधना का आरंभ होता है। इसके बाद उन्होंने प्रोफेसर टी सुब्रमण्यिम द्वारा रचित वरणम प्रस्तुत किया जिसमें श्री कृष्ण के अनंत रूपों का वर्णन किया गया है। नायिका कृष्ण की कमल के समान नयनो का वर्णन करते हुए कहती है कि उसे श्री कृष्ण के अलावा किसी भी में कोई रूझान नहीं है। अगली प्रस्तुति में देविता राजारामन ने एक भव्य सूरदास पद सुंदरश्याम जहां कवि सूरदास द्वारा किए गए कृष्ण के वर्णन को उन्होंने विभिन्न रूपों में दर्शाया है। उन्होंने भरतनाट्यम प्रस्तुति का अंत तिल्लाना से किया जिसमें पैरों के द्वारा किए गए जतियों का अनोखा संकलन देखने को मिला। इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में स्थानीय कलाकारों द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गई।
1 फरवरी को होगा नर्मदा सूत्र की विशेष प्रस्तुति
भारतीय शास्त्रीय एवं लोकनृत्य संध्या में 1 फरवरी को अल्पना शुक्ल एवं समूह द्वारा कथक नृत्य द्वारा नर्मदा सूत्र की विशेष प्रस्तुति की जाएगी। अल्पना शुक्ल देश और रायगढ़ घराना कथक की पहली पंक्ति की नृत्यांगना और नृत्य संरचनाकार है। खजुराहो नृत्य समारोह, मद्रास म्यूजिक फ़ेस्टिवल समेत देश के लगभग सभी महत्वपूर्ण नृत्य समारोहों में शिरकत कर चुकी है। अल्पना फ्रांस, रूस आदि कई देशों में प्रदर्शन कर चुकी है। इस नर्मदा जयन्ती पर अल्पना और उनकी शिष्याएँ विशेष रूप से नृत्य संरचना शिव पंचाक्षर और नर्मदाष्टक प्रस्तुत करेंगी। कार्यक्रम में 2 फरवरी को शलाका राय व शोभा बिष्ट द्वारा ओडीसी नृत्य की प्रस्तुत किया जायेगा। शलाका राय गुरु पद्मश्री माधवी मुद्गल की शिष्या है। अपनी गुरु के साथ शलाका राय ने देश-विदेश का दौरा किया है।