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Monday, December 2, 2019

व्यवसायिक संस्थाओं पर बाल श्रमिक मिलने पर नियोक्ता के विरूद्ध होगी कार्यवाही

मण्डला- बालक एवं कुमार श्रमिक (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम के तहत जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ. जगदीश चंद्र जटिया ने कहा कि बाल श्रम जैसी कुप्रथाओं के उन्मूलन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसके लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी सहभागिता करनी चाहिए। कलेक्टर ने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि उनके क्षेत्र भ्रमण के दौरान जहां भी बाल श्रमिक मिलते हैं श्रम विभाग के माध्यम से त्वरित कार्यवाही कर उनके पुर्नवास की व्यवस्था की जाये। उद्योग, ढाबा, होटल, ईंटभट्टा सहित अन्य व्यवसायिक संस्थाओं पर सतत नजर रखते हुए बाल मजदूरों के उन्मूलन का प्रयास किया जाये। जहां भी बाल मजदूर मिलते हैं वहां पर नियोक्ता के विरूद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जाये। बैठक में बाल श्रम के विरूद्ध प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए। बैठक में जिला श्रम पदाधिकारी ने जानकारी दी कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार 14 वर्ष तक के बच्चों को किसी भी रोजगार में (सिवाय पारिवारिक व्यवसाय) लगाया जाना प्रतिबंधित है। इसी प्रकार 14 से 18 वर्ष के किशोर को परिसंकटमय नियोजन में नियोजित करना निषेध है। इस अवसर पर श्रम पदाधिकारी द्वारा पिछली बैठक का पालन प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया गया। जिला योजना भवन में संपन्न हुई इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत तन्वी हुड्डा, अपर कलेक्टर मीना मसराम सहित सभी विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।