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जूते, चप्पल
हाथ में रखकर कीचड़ भरे मार्ग से जाना पड़ता है स्कूल |
मण्डला - नेशनल हाईवे 30 से करीब 500
मीटर की दूरी पर 01 करोड़ 10 लाख की लागत से एक अलीशान विद्यालय क्षेत्र के छात्रों के लिए बनाया गया
है। जिससे यहां के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रह सके और अपना भविष्य बना सके,
लेकिन बारिश के दिनों में छात्रों को इस आलीशन विद्यालय जाने के लिए
बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। स्कूली छात्र, छात्राएं अपने
जूते, चप्पल अपने हाथों में रखकर कीचड़ भरे मार्ग से स्कूल
तक जाने मजबूर है। यहां प्रशासन का ध्यान नहीं है। स्कूल तो बना दिया गया है लेकिन
स्कूल तक पहुंचने के लिए मार्ग बनाना भूल गई है। जिससे छात्र व शिक्षकों को
परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी अनुसार नेशनल हाईवे में बसा जनपद बीजाडांडी के
अंतर्गत ग्राम उदयपुर में वर्ष 2016-17 में
01 करोड़ 10 लाख रूपये की लागत से आलीशान
विद्यालय का भवन बनाया दिया गया। लेकिन विद्यालय तक पहुंचने के लिए मार्ग निर्माण
नहीं किया गया। बताया गया कि शाला भवन निर्माण के
दौरान इसमें मार्ग सहित का ठेका था, जिसमें शाला भवन से
मुख्य मार्ग तक सड़क का निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जाना था। लेकिन ठेकेदार ने
शाला भवन तो बना दिया लेकिन मार्ग का निर्माण नहीं किया। जिसके कारण स्कूली
छात्रों और शिक्षकों को बारिश के दौरान कीचड़ भरे मार्ग से होकर विद्यालय तक जाना
पड़ता है।
बच्चों को हो रही परेशानी :
ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्ग से स्कूल तक करीब 500
मीटर का मार्ग है। विगत 06 वर्ष पहले क्षेत्र
में विद्यालय तो बना दिया गया है लेकिन पहुंच मार्ग नहीं बनाया गया है। बारिश के
सीजन में बच्चे और शिक्षक एक निजी जमीन से होकर स्कूल तक पहुंचते है। मार्ग में तो
कीचड़ ही कीचड़ रहता है। वहीं मार्ग के अलावा कुछ छात्र, शिक्षक
खेतों से होकर भी जाते है, यहां भी काली मिट्टी के कारण
बच्चों, शिक्षकों को जूते, चप्पल अपने
हाथों में रखकर स्कूल तक जाना पड़ता है। इस समस्या को लेकर स्कूल प्रबंधन द्वारा
कई बार संबंधित अधिकारी, पंचायत और जनप्रतिनिधयों से बात की
गई लेकिन आज दिनांक तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। स्कूल जाने वाले मार्ग में निजी
जमीन के मालिक द्वारा मार्ग बनने में आपत्ति जताई जा रही है। जिसके कारण यहां
स्कूल पहुंच मार्ग नहीं बन पा रहा है।
खेल मैदान भी नही है :
ग्राम उदयपुर के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। इस
स्कूल के बच्चों ने विगत वर्षो में तलवारबाजी में 72 पदक राज्य
स्तरीय एवं जिला स्तरीय में जीते है। वहीं इस स्कूल के कुछ बच्चें राष्ट्रीय स्तर
में भी भाग ले चुके है। इस क्षेत्र में बिना संसाधन एवं मैदान की कमी के बावजूद
यहां के बच्चों में हुनर भरा हुआ है। यहां के बच्चें लकड़ी की तलवार और मैदान की
कमी में स्कूल की छत पर तलवारबाजी का अभ्यास करते हुए अपना हुनर दिखाया है। लेकिन
अभी भी इन बच्चों को अपने हुनर को और निखारने के लिए ना तो मैदान मिला है और ना ही
संसाधन। अब स्कूल पहुंचने के लिए भी इन्हें मशक्कत करनी पड़ती है। बारिश के दिनों
में यह स्थिति बनती है। जिसके कारण कुछ बच्चें स्कूल जाने से कतराते है। जिससे
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।
इनका कहना है
स्कूल पहुंच मार्ग के लिए हमारे द्वारा वन विभाग की एनओसी
भी ले ली गई है, पूरे दस्तावेज एसडीओ साहब को भेज दिया
गया है। इसके बाद भी निर्माण कार्य नही किया जा रहा है। स्कूल छात्र, छात्राओं को बारिश के सीजन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जल्द ही इस मार्ग को बनाया जाए।
बलदेब सिह परते, सरपंच
उदयपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय में ना तो खेल मैदान है और ना ही विद्यालय पहुंचने के लिए
मार्ग है। बारिश के दिनों में स्कूल तक पहुंचने के लिए बड़ी मशक्कत करनी
पड़ती है। छात्र और शिक्षकों को खेतों से होकर स्कूल तक जाना पड़ता है। जल्द ही
स्कूल तक मार्ग बनना चाहिए।
जगदीश यादव, उप सरपंच
करीब 06 वर्ष हो गए स्कूल
भवन निर्माण हुए, लेकिन अभी तक स्कूल तक पहुंच मार्ग नहीं बन
सका है। छात्र एवं शिक्षकों को भी आने जाने के लिये खेतो से निकलना पड़ता है। कई
अधिकारी एवं नेता देख चुके लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। इस बारिश के सीजन
में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
लखन आर्मो, मंडल
अध्यक्ष, भाजपा युवा मोर्चा बीजाडाडी
स्कूल जाने में स्कूल के स्टाफ और छात्रों को बहुत ही
परेशानी होती है। मुख्य मार्ग से स्कूल तक खेतो से जाना पड़ता है। मार्ग में कीचड़
इतना रहता है कि हमें और छात्रों को अपने जूते चप्पल हाथो में रखकर स्कूल पहुंचना
पड़ता है। जल्द ही स्कूल पहुंच मार्ग का
निर्माण कराया जाए, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो।
सुशिल कुमार सोहोरे, शिक्षक
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