मनोज कुशवाह
मण्डला। चुनावों में जनहित
के मुद्दे गायब दिखाई दे रहे हैं कोई जनहित से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए
ध्यान नहीं दे रहे हैं सभी तरह के विकास कार्य इस समय तेजी के साथ पूरे नही किये
जा रहे हैं। घोर लापरवाही सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों द्वारा बरती जा रही है, कई तरह की
समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। जिन्हें दूर नही किया जा रहा है या यूं कहें कि
मण्डला जिले के नागरिक अनेक तरह की समस्याओं से कराह रहे हैं और सरकार और
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता आज भी कायम है। विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पड़े हुए
है। बेरोजगारी, बीमारी, गंदगी, धांधली और निरक्षरता जैसी जरूरी समस्याओं का परिणामकारी निराकरण
न पहले किया गया न अब किया जा रहा है। ये ऐसी समस्याएं हैं जिनकी वजह से लगभग हर
कोई परेशान है। इन समस्याओं के समाधान के नाम पर कई करोड़ रूपये फूंक दिये गये
लेकिन लापरवाही मनमानी और भ्रष्टाचार की वजह से समस्याएं आज भी मौजूद हैं।
जरूरतमंदों को नही मिल पा रहा फायदा
मण्डला जिले में रोजगार का टोटा बना हुआ है।
उद्योगों को बढ़ावा नही दिया जा रहा है। पर्यटन विकास को पंख नही लगाए जा रहे हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य की
स्थिति बेहद बद्तर होती जा रही है, बीमारी का उपचार सरकारी सुविधाओं से कम हो
पा रहा है। निजी डिस्पेंसरियों और अस्पतालों से ही बीमारियों का उपचार संभव हो पा
रहा है जबकि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अनाप-शनाप धन खर्च कर रही है। इसका
फायदा जरूरतमंदों को नही मिल पा रहा है। मनरेगा जैसी योजना दम तोड़ चुकी है, सड़कों की
हालत खस्ता हो गई है। वृक्षारोपण की तैयारी शून्य दिखाई दे रही है। सभी तरह का
सरकारी भुगतान लटका हुआ है। मजदूरों, पालना केन्द्र की कार्यकर्ताएं, साक्षर भारत
मिशन के प्रेरक, मिड डे मील और आंगनवाड़ी केंद्र के समूहों सहित अनेक लोगों का
भुगतान भारी मात्रा में लटका हुआ है जिसे देने में सरकार द्वारा आनाकानी की जा रही
है। शहरी व ग्रामीण विकास की गति तेज नही हो पा रही है। नाली की समस्या, गंदगी का
अंबार, पार्किंग सहित
तमाम तरह की समस्याएं हैं जिन पर भी ध्यान नही दिया जा रहा है।
शिकायत आवेदनों का नहीं किया जा रहा निराकरण
कुल मिलाकर पूरा विकास भ्रष्ट सरकारी तंत्र की जेब
में कैद हो गया है और जनप्रतिनिधि तमाशा देख रहे हैं चुनाव का समय बेहद करीब में
है इन सब के बावजूद सभी जबावदारों की बेहोशी टूट नही पा रही है। जनाक्रोश
दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है और सरकार और जनप्रतिनिधि गहरी नींद में है। जानकारों की
मानें तो यदि सरकार और जनप्रतिनिधि गहरी नींद से जल्दी नहीं जागे तो जनाक्रोश भड़क
सकता है। शिक्षा स्वास्थ्य कृषि उद्यान वानकी की स्थिति बेहद खराब है। नया शिक्षा
सत्र भारी अव्यवस्थाओं के साथ शुरू हुआ है। स्कूल भवनों की हालत खस्ता हो गई है।
अधूरे कामों को पूरा नहीं कराया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई कार्यक्रम
के आवेदन पत्र एवं शिकायतों का निराकरण सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। इसके
अलावा तमाम तरह की समस्याएं हैं जिन पर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधि निराकरण करने
ध्यान नहीं दे रहे हैं। जनता के बीच में यह सभी मुद्दे लगातार गर्म होते जा रहे
हैं। जन अपेक्षा है कि जनप्रतिनिधि और सरकार शीघ्र जागे और मध्यप्रदेश के मंडला
जिले में तमाम तरह की समस्याओं का निराकरण शीघ्र करावे।
No comments:
Post a Comment