डीईआईसी जिला चिकित्सालय में 19 बच्चों का जांच परीक्षण, 4 बच्चे हुए चयनित
मंडला। अब कटे होंठ, फटे तालू के बच्चे सामान्य बच्चों की तरह दिख
सकेंगे। इन बच्चों के माता पिता के चेहरों में खुशी झलक रही है। इनकी खुशी को
बरकरार रखने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
(आरबीएसके) के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को
नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र में दी जाती है। जिससे कि
पीडि़त बच्चे निरोगी हो सके। इसी उद्देश्य से आरबीएसके अंतर्गत जिला शीघ्र
हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय मंडला में कटे होंठ, फटे तालू के बच्चों का
नि:शुल्क जांच व उपचार शिविर आयोजित किया गया। शिविर में जिला शीघ्र हस्तक्षेप
प्रबंधक अर्जुन सिंह, डीईआईसी से वीरेन्द्र पाटिल, डॉ. राजकुमार नंदा, डॉ. सविता श्याम, डॉ. नीलिमा बहाने, डॉ. शशिकला केराम, डॉ. डल्लोराम झारिया, डॉ. धनराज भांवरे, डॉ. किरन प्रेंड्रे, सचेता धुर्वे, रश्मि जैन, सुनील भांवरे, काजल बैरागी समेत चयनित
बच्चें और परिजन और दुबे सर्जिकल एवं डेंटल हॉस्पिटल जबलपुर से सुशील पटेल मैनेजर, सूरज बर्मन अस्सिटेंट मौजूद
रहे।
बता दे कि कटे होंठ, फटे तालू के बच्चों के लिए आयोजित नि:शुल्क
शिविर में आरबीएसके चिकित्सक द्वारा इन बच्चों को चिन्हित किया गया। जिसके बाद
आयोजित शिविर में जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय मंडला में कटे
होंठ, फटे तालू के बच्चों का जांच
परीक्षण शिविर में किया गया। शिविर में 19 बच्चों का पंजीयन किया गया। जिसमें सभी का जांच
परीक्षण के बाद 04 बच्चों को सर्जरी के लिए
चयनित किया गया। 19 बच्चों में दो टंग टाई के
बच्चे, तीन बच्चे कम बजन के थे। कम
वजन के बच्चों के परिजनों को बच्चे का वजन बढ़ाने की समझाईश दी। जिसके बाद इन बच्चों की
भी सर्जरी की जाएगी।
बताया गया कि 10 बच्चे फालोअप में आए थे, जिन्हें पहले ही सर्जरी करा
ली थी। फालोअप में आए सभी बच्चें भी स्वस्थ है। जांच परीक्षण के बाद 4 बच्चों को सर्जरी के लिए
चयनित किया गया। इनका उपचार दुबे सर्जिकल एवं डेंटल हॉस्पिटल जबलपुर में नि:शुल्क
किया जाएगा। चयनित बच्चों को जबलपुर से आए स्टाफ द्वारा अपने साथ जबलपुर उपचार के
लिए ले गए। इस दौरान बच्चों के परिजनों में खुशी देखी गई। परिजनों ने कहा कि आज
आरबीएसके टीम द्वारा आयोजित नि:शुल्क शिविर ने बच्चों को उपहार दिया है। अब बच्चे
सामान्य बच्चों की तरह दिख सकेंगे।
जागरूकता का अभाव:
सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह ने बताया कि कुछ नवजात शिशुओं में
जन्मजात विकार हो जाते है। उनमें से अधिकांश विकार ठीक हो सकते है, यदि उनका समय पर उपचार और
चिकित्सा सेवा का लाभ मिल जाए लेकिन ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्रों में
जागरूकता के आभाव के कारण बच्चो में आए विकार को पहचान नहीं पाते और आगे चलकर ऐसे
बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से विकृत हो जाते है। इसके लिये सरकार द्वारा हर जिले
में ब्लाक स्तर पर मोबाइल हेल्थ टीम आरबीएसके का गठन किया गया है जो बच्चों को
चयनित कर इनका स्वास्थ्य परीक्षण करते है। इसके बाद डीईआईसी के माध्यम से इन बच्चो
को संबन्धित विभाग से नि:शुल्क उपचार दिलाया जाता है।
ये बच्चे हुए चयनित:
जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक अर्जुन सिंह ने बताया कि
डीईआईसी में आयोजित शिविर में 4 बच्चों को सर्जरी के लिए चयनित किया गया।
जिन्हे चिन्हित कर जबलपुर से आए डेंटल स्टाफ अपने साथ दुबे सर्जिकल एवं डेंटल
हॉस्पिटल जबलपुर ले गए। चयनित बच्चों में आशी पनिका 1 वर्ष 3 माह, प्रशांत 3 माह 10 दिन, रविन्द्र 9 माह, अमन धनगर 12 साल को सर्जरी के लिए जबलपुर
रवाना हुए। यहां इनका नि:शुल्क उपचार किया जाएगा। चयनित सभी बच्चों की सर्जरी
फेशियल सर्जन डॉ. गुंजन दुबे द्वारा की जाएगी।
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