मण्डला - मप्र सरकार की एक गलती से सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण को शून्य कर दिया है जिससे पूरे प्रदेश का ओबीसी समाज नाराज है। इसी विषय को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अब मैदान में मोर्चा संभाल लिया है। शनिवार को जिला मुख्यालय में जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व सहित सभी ब्लॉक मुख्यालयों में ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया और चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव नहीं कराए तो पूरे प्रदेश की जनता के साथ कांग्रेस पार्टी उग्र आंदोलन करेगी। सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत राज के चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण प्रदान न करना इस वर्ग की जनता के साथ कुठाराघात एवं अन्याय है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी (पूर्व मुख्यमंत्री) के द्वारा 21 दिसम्बर, 2021 को पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण यथावत रखने संबंधी मांग विधानसभा में रखी गई थी। राज्य शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के साथ ही इसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा पंचायत के चुनाव की प्रक्रिया जारी है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्गों के हितों की रक्षा की है। भारतीय संविधान के 73वां एवं 74वां संविधान संशोधन के तहत देश में मध्यप्रदेश पहला प्रदेश है जहां वर्ष 1994 में कांग्रेस शासनकाल में पंचायत राज अधिनियम पारित कर 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान पंचायती राज व्यवस्था में किया गया। संविधान के अनुच्छेद 243 डी के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आबादी अनुसार आरक्षण का प्रावधान था। इन्हीं खण्डों के अंतर्गत आरक्षण को (चक्रान्ह क्रम) में जारी रखने की व्यवस्था है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा आरक्षण को (चक्रान्ह क्रम) से नहीं करने के कारण लोग माननीय न्यायालय में गये इसके कारण ओ.बी.सी. आरक्षण से अन्य पिछड़ा वर्ग को वंचित होना पड़ रहा है। पंचायती राज अधिनियम 1994 (कांग्रेस सरकार द्वारा) में अन्य पिछड़ा वर्ग को दिये गये 25 प्रतिशत आरक्षण अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत के अनुसार ही पांच बार चुनाव सम्पन्न हुये है। कमलनाथ सरकार द्वारा पिछडे वर्ग को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण किया गया है। भाजपा सरकार द्वारा चक्रानुक्रम में आरक्षण नहीं करना संविधान के अनुच्छेद 243 डी की व्यवस्था के विपरीत है। अतः कांग्रेस पार्टी 1994 में पारित पंचायत राज अधिनियम में अन्य पिछड़ा वर्ग को पूर्वानुसार दिये गए 25 प्रतिशत आरक्षण को पुनः लागू करने की मांग करती है साथ ही वर्तमान पंचायत आम निर्वाचन 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के तहत सम्पन्न करवाये जाएं इसकी भी पुरजोर मांग करती है।
जिला मुख्यालय पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष एड राकेश तिवारी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया जिसमें कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों के साथ अमित शुक्ला, अजय चौरसिया, गुलाब उइके, रेशमा अल्वी, आशीष आशु जैन, शिवराज कछवाहा, रवि ठाकुर, शकुन जंघेला, गणेश पटेल, कपिल चौकसे, कुलदीप कछवाहा, आलोक पटेल, बंदना सोनी, विवेक दुबे, नंदू भाई जान, इंद्रजीत भंडारी, सिद्धार्थ तिवारी, अनूप वासल, हनी बर्बे, महेंद्र चंद्रौल, शाह नवाज खान, एड रजनीश रंजन उसराठे, राजेश कछवाहा, सुभाष नामदेव, प्रणय भंडारी, राजेश महोबिया, अमित पांडे, लक्षमण सिंगौर, रेखा महोबिया, तनवीर, हीरा सिंह उइके, मुख्तार खान, आसिफ खान, सिकंदर बाबा, राहुल श्रीवास, अभिषेक कसार, अंकित रजक, शलमान खान, शारदा हरदहा, रोहिणी स्वरूप सहित काफी संख्या में कांग्रेस जन उपस्थित रहे।
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