भोपाल- जेलों में बंद कैदियों में कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ ही चिंता और हताशा से उबारने के लिए मध्यप्रदेश जेल विभाग द्वारा आयोजित किए गए वेबीनार का सभी राज्यों ने स्वागत किया है। कामन वैल्थ ह्यूमन इन्सेटिव का भी सहयोग रहा। इस अवसर पर भारत के समस्त राज्यों के जेल अधिकारियों के अलावा चिकित्सक, एन.जी.ओ. एवं समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिा उपस्थित रहे।
वेबीनार के आयोजक संजय चौधरी, महानिदेशक, जेल म.प्र. ने शुभारंभ करते हुए, म.प्र. में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि म.प्र. की जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लगभग 7000 बंदियों को अंतरिम जमानत, पैरोल एवं परिहार देकर रिहा किया। जिससे लगभग 19 प्रतिशत कैदियों का भार कम करने में सफलता मिली। इसके अलावा बंदियों से होने वाली मुलाकात 30 जून 2020 तक प्रतिबंधित कर दी गई। बंदियों में किसी तरह की हताशा/अवसाद न हो इसलिए उनके परिजनों से सम्पर्क के लिए उपलब्ध दूरभाषों की संख्या से लगभग 4 गुना दूरभाष स्थापित कर दिए गए। जिससे सभी बंदियों को अपने परिजनों से सम्पर्क करना सुगम हुआ।
महानिदेशक तिहाड जेल श्री संदीप गोयल ने तिहाड जेल में संक्रमण से बचाव के लिये किए गए उपयों की जानकारी दी। डॉ. लाकेन्द्र दवे, भोपाल एवं डॉ. गगन श्रीवास्तव, नई दिल्ली ने कोरोना से कैदियों को वर्तमान परिवेश में चिंता और हताशा से भी बचाए जाने के उपाय किये जाने को आवश्यक बताया।
पंजाब, तमिलनाडु, नई दिल्ली, आंध्रप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड, गुजरात, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, चंडीगढ़ के वरिष्ठ जेल अधिकारियों ने भी अपने-अपने राज्य में अपनाए जा रहे उपायों की जानकारी दी। कोरोना से बचाव के लिए समाजसेवी संस्थाओं द्वारा दिए जा रहे योगदान के बारे में संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी। वेबीनार में शामिल सभी प्रतिनिधियों ने CHRI एवं म.प्र. जेल विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी राज्यों एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा जो अनुभव साझा किए गए हैं, वह संक्रमण से बचाव के लिए मील का पत्थर साबित होगें।